संतोष देवांगन/दुर्ग-पाटन : यह जानकार जरूर अटपटा लगेगा मगर आपको बता दे की छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के गृह व निर्वाचन क्षेत्र ‘पाटन’ में विभाग की उदाशीनता के चलते विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है. जी हां छत्तीसगढ़ में विकास की गंगा बहाने, शिक्षा का अलख जगाने वाले प्रदेश के कांग्रेस सरकार के यशस्वी मुख्या माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी के निर्वाचन क्षेत्र पाटन मुख्यालय में शासकीय स्वामी आत्मानंद स्कूल में सबसे महत्वपूर्ण “आर्ट” विषय के लिए शिक्षक का न होना विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में जाते नजर आ रहा है। यहा के विद्यार्थियों और पालको का कहना है कि मुख्यमंत्री भले ही प्रदेश में विकास और शिक्षा की रौशनी फैला रहा हो मगर उनके ही गृह ग्राम पाटन में प्रशासन की लचर व्यवस्था के चलते विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय नजर आ हैं।
दुर्ग जिला के बहुचर्चित ब्लॉक पाटन मुख्यालय में 2022 -23 के लिए पहले तो 9वी व 11वी कक्षा के विद्यार्थियों को स्वामी आत्मानंद स्कुल में पढ़ाई करने के लिए स्कूल में दाखिला न देने का संकट आया उसके बाद जैसे तैसे व्यवस्था बनाया गया तो अब स्कूल में शिक्षकों की कमी आ रही हैं। वही शिक्षक विद्यार्थियों को कामर्स , बायों, मैथ्स में एडमिशन लेने कर रहे है मजबूर, लेकिन कमजोर बच्चे कैसे और किस सब्जेक्ट में खाएंगे पढ़ाई । मजेदार बात यह है कि पाटन के इस सरकारी स्कूल में सबसे सरल और महत्वपूर्ण विषय ‘आर्ट’ का शिक्षक नहीं है जो अपने आप मे बहुत ही लज्जा और हास्य का विषय है।
अब सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र पाटन व दुर्ग मुख्यालय में शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों व प्रशासन की लापरवाही और उदाशीनता ही कहा जाए कि इतनी बड़ी स्वामी आत्मानंद स्कूल में ‘आर्ट’ विषय को महत्व न देते हुए यहा इस विषय के लिए शिक्षकों की व्यवस्था ही नही कर पाया। जबकी मुख्यमंत्री जी ने पाटन को सबसे ज्यादा फोकस करते हुए साफ कह दिया है कि पाटन क्षेत्र में विकास के कार्य हो या शिक्षा या शिक्षक का, कहि कोई कमी नहीं रहेगी, पर न जाने क्यू यहा के जवाबदार जनप्रतिनिधियों व शाला विकास समितियों व संबंधित आलाअधिकारियों ने इस विषय पर गंभीरता क्यों नहीं दिखायी, जिसके कारण पहले तो 9वी व 11वी कक्षा के विद्यार्थियों को एडमिशन लेने की समस्या आयी और अब 11 वी कक्षा में आर्ट विषय लेने वाले विद्यार्थियों को दर दर भटकना पड़ रहा है।
वही स्कुल के शिक्षक विद्यार्थियों को कामर्स, बायों और मैथ्स के लिए प्रेरित कर उन विषयों पर एडमिशन देने की बात कह रहे है इतना ही नहीं इनमे 60 प्रतिशत वाले विद्यार्थियों को ही एडमिशन देना बता रहे है , ऐसे में इससे कम प्रतिशत में उत्तीर्ण विद्यार्थियों के पास सिर्फ आर्ट(कला) विषय बचता है जिसमे इन विद्यार्थियों को भविष्य उज्वल दिखाई पड़ता है मगर इतने बड़े स्वामी आत्मानंद सरकारी स्कूल में 11 वी कक्षा में आर्ट विषय में एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों को दर दर भटकना पड़े यह बेहद ही सोचने वाली बात है।
जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग ने कहा ‘सेटअप नहीं’ जिम्मेदार कौन
वही 11 वी कक्षा में आर्ट विषय में एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों ने स्वामी आत्मानंद शासकीय स्कूल की प्राचार्या मसीह मेडम जी से चर्चा की, जिस पर प्राचार्या ने तुरंत फोन पर DEO जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग से इस विषय में चर्चा कर समस्याओं से अवगत कराया गया. इस विषय पर जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा की सेटप तैयार नहीं है. वही पाटन शिक्षा अधिकारी BEO जगदल्ले जी ने आज जिला शिक्षा अधिकारी से बात करने की बात कही है।
विद्यार्थी परीक्षा में होते है असफल ,तो उनका जवाबदार कौन होगा
अब देखना यह है की जिला शिक्षा अधिकारी इस विषय पर शीघ्र गंभीरता दिखाते है या नहीं .? या फिर स्वामी आत्मानंद सरकारी स्कूल में ‘आर्ट(Art) विषय’ के लिए बच्चों को एडमिशन के लिए दर-दर भटकना पडेगा। बच्चो के पालको का सवाल है की यदि बच्चे जबरदस्ती दूसरे विषय(Subject) लेकर पढ़ाई करते है और परीक्षा में असफल होते है तो उनका जवाबदार कौन होगा। जिनके पालक पैसे वाले है वे तो अपने बच्चो के लिए महंगे कोचिंग का व्यवस्था कर लेगा. लेकिन जो गरीब और माध्यम वर्ग के है वे कैसे अपने बच्चों को कोचिंग कराएगा।
एडमिशन नहीं मिलने पर विद्यार्थी, शिक्षा विभाग का घेराव करने बाध्य होंगे
वही इस विषय पर स्कूल के शिक्षक से बात करने पर पता चला की जो पिछले वर्ष 11 वी आर्ट उत्तीर्ण कर आए है उन्ही छात्रों को 12वीं में आर्ट पढ़ा रहे है लेकिन 11वीं में शिक्षक नहीं होने के कारन आर्ट में एडमिशन नहीं कर रहे है, और वहा ध्रुव सर है इस विषय के लिए वे भी अब रिटायर्ड होने वाले है. वही स्कूल में एडमिशन के लिए पहुंचे बच्चों का कहना है की यदि उन्हें 11वीं ‘आर्ट’ विषय(Art Subject) कक्षा में शीघ्र एडमिशन नहीं दिया तो वे सभी शिक्षा विभाग का घेराव करने बाध्य होंगे जिसकी जवाबदारी शिक्षा विभाग एवं शालप्रबंधन की होगी।