(कृष्णा पाण्डेय) जीपीएम : स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस वर्ष पांचवी एवं आठवीं की परीक्षा को बोर्ड की तर्ज पर केन्द्रीकृत परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है और इसके लिये स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी द्वारा इस संबंध में बाकायदा प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को पत्र जारी कर विशेष दिशा निर्देश जारी कर इसका कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित किया गया है परंतु जीपीएम जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को यही जानकारी नहीं है कि उक्त केन्द्रीकृत परीक्षा किन विद्यालयों में संचालित किये जाने हैं और किन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया जाना है।
शिक्षा विभाग के उक्त जानकारी के अभाव में ही ऐसे विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बना दिया गया जहां पर या तो वे प्राइवेट हैं और उनमें बच्चों की संख्या कहीं पर एक-दो तो कहीं पांच से कम संख्या में बच्चे दर्ज हैं। जबकि माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा भी प्रदेश के प्राइवेट विद्यालयों में शासन द्वारा केन्द्रीकृत परीक्षा आयोजित करने में रोक लगा दी है।फिर भी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इन प्राइवेट विद्यालयों के लिये और जिन विद्यालयों की दर्ज संख्या परीक्षा केंद्र के मान से कम है उन विद्यालयों के लिये बाकायदा केंद्राध्यक्ष की नियुक्ति आदेश जारी कर उक्त परीक्षा हेतु गोपनीय सामग्री,प्रश्नपत्र उठाने एवं परीक्षा संचालित करवाने हेतु आदेश जारी किया गया है।

कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िले में शिक्षा अधिकारियों की अज्ञानता एवं इनकी कार्यप्रणाली से शासन की नीतियों पर पानी फिर रहा है और पांचवी-आठवीं की केन्द्रीकृत परीक्षा जिले में मजाक बन कर रह गई है।
