मनरेगा सरकारी खैरात या राहत कार्य नहीं बल्कि ग्रामीण मजदूरों का कानूनी अधिकार है-ढालेश साहू

*मनरेगा सरकारी खैरात या राहत कार्य नहीं बल्कि ग्रामीण मजदूरों का कानूनी अधिकार है*

*100 दिन का काम मांगकर गांव का माहौल खराब करने वालों को जेल जाने के लिये तैयार रहना चाहिये*

*हम सब मजदूरों को 100 दिन काम नहीं दे सकते – पंचायत*

छत्तीसगढ़ श्रमिक मंच के तत्वावधान में आज चंदखुरी में मनरेगा मजदूरों का दुर्ग ग्रामीण परिक्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ,
मजदूरों को संबोधित करते हुए मनरेगा मजदूर कल्याण संघ के अध्यक्ष राकेश कौशिक, पूरनलाल साहू, ढालेश साहू और हेमंत बंजारे ने मनरेगा कानून में मजदूरों के अधिकार और कर्तव्य के बारे में विस्तार से जानकारी दिया और कहा कि मनरेगा सरकारी खैरात या राहत कार्य नहीं है बल्कि मजदूरों का कानूनी अधिकार है गांव में ही रोजगार देकर मजदूरों को पलायन करने से रोकने के लिये अधिनियम बनाया गया है,
मनरेगा मजदूरों को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ श्रमिक मंच के अध्यक्ष एड. राजकुमार गुप्त ने क्षेत्रीय विधायक और मंत्री ताम्रध्वज साहू को निशाने में लेते हुए कहा कि मनरेगा कानून केंद्र के कांग्रेस सरकार ने 2005 में बनाया है राज्य में कांग्रेस की सरकार है और मनरेगा कानून के प्रावधानों को लागू करना राज्य की कांग्रेस सरकार की जिम्मेदारी है मगर पंचायत सचिव और जनपद के सीईओ सार्वजनिक रूप से कहते हैं कि सभी मजदूरों को 100 दिनों का काम देना संभव नहीं है वही काम की मांग करने वाले मजदूरों पर गांव का माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाते हैं और ऐसे लोगों को जेल भेजने की धमकी देते हैं,
केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की बघेल सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने आगे कहा कि बजट में 25 हजार करोड़ की कटौती करके मोदी सरकार ने संदेश दिया है कि अगले साल मजदूरों को 50 दिनों का काम देने का उनका इरादा नहीं है, बघेल सरकार ने राज्य के बजट से 50 दिन का अतिरिक्त काम देने का ढोल पीटा था किंतु पिछले साल के बजट में मनरेगा के लिये राशि का प्रावधान ही नहीं किया था उन्होंने बघेल सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि वह बताये कि मार्च में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में राज्य के बजट से कितने मजदूरों को और कितने दिनों का काम दिया गया है,
सम्मेलन को गायत्री साहू ने भी संबोधित किया और लता चंद्राकर ने आभार व्यक्त किया, रविवार होने के बावजूद मनरेगा मजदूरों को काम में बुलाने का कारण सम्मेलन निर्धारित समय से 3 घंटे विलंब से शुरू हुआ, सम्मेलन में चंदखुरी के अलावा आस पास के गांवों के मनरेगा मजदूर बड़ी संख्या में शामिल हुए ।

ढालेश साहू

KARAN SAHU
KARAN SAHU
करन साहू कार्यक्षेत्र - पाटन ( छ.ग. ) "छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़"

Advertisement

ताज़ा खबरे

Video News

"छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़" के कंटेंट को कॉपी करना अपराध है। 

error: \"छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़\" के कंटेंट को कॉपी करना अपराध है।