*➡️ कर्मचारियों का वेतन एवं सेवानिवृत्त/दिवंगत शिक्षकों तथा कर्मचारियों के अंतिम स्वतत्वों का भुगतान पूर्वानुसार वेतन मद से हो-फेडरेशन*
*➡️ स्कूलों का नाम केवल पीएम श्री हो – फेडरेशन*
*➡️ सरकारी स्कूलों के संचालन का स्पष्ट नीति सरकार को बनाना चाहिए – फेडरेशन*
*राजनांदगांव ।*
स्कूल शिक्षा विभाग में एक ही स्कूल तीन नामों से संचालित हो रहा है। एक ही स्कूल का दो अलग-अलग पंजीयन है। पहला यूडाइस में तथा दूसरा फर्म्स एवं सोसाइटी में पंजीकृत है। पहला दो सेटअप से वेतन भुगतान हो रहा है।पहले का प्रबंधन प्रभारी मंत्री के द्वारा नियुक्त समिति के द्वारा तो वहीं दूसरा जिला कलेक्टर के समिति के अधीन है। उल्लेखनीय है कि पूर्व शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सेजेस स्कूलों का संचालन राज्य शासन के अधीन करने का घोषणा किया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार इन्हीं हायर सेकंडरी/हाई स्कूलों को पी एम श्री स्कूल का भी नामकरण किया गया है। फेडरेशन का कहना है कि इन सभी स्कूलों को एक ही नाम पी एम श्री स्कूल रखा जाना चाहिए। क्योंकि एक ही स्कूल में तीन बजट का आबंटन अलग-अलग नाम से हो रहा है।इनका सेटअप भी अलग-अलग है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे,जिला संरक्षक मुकुल साव ,जिला अध्यक्ष पी.आर. झाड़े, पी एल साहू, सी एल चंद्रवंशी,जितेंद्र बघेल, बृजभान सिन्हा ,वीरेंद्र रंगारी, हेमंत पांडे, पुष्पेंद्र साहू, उत्तम डड़सेना, द्रोण साहू, रमेश साहू,संगीता ब्यौहरे, सीमा तरार,नीलू झाड़े ,अभिषिक्ता फंदियाल, स्वाति वर्मा, संजीव मिश्रा सुधांशु सिंह, सोहन निषाद, अब्दुल कलीम खान, राजेंद्र देवांगन, सी आर वर्मा ,हीरालाल गजभिए एवं अनिल साहू ने बताया कि प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत रहे सेवानिवृत्त/दिवंगत शिक्षकों एवं कर्मचारियों के अंतिम स्वतत्वों का भुगतान अन्य स्कूलों के रिक्त पदों से किया जा रहा है। क्योंकि शासकीय शालाओं को प्राप्त आहरण एवं संवितरण अधिकार को पूर्व सरकार के शिक्षा प्रमुख सचिव ने सेजेस में परिवर्तित होने के कारण बंद करने का आदेश दिया था। गौरतलब है कि वित्त विभाग के अनुशंसा से महालेखाकार द्वारा आहरण एवं संवितरण अधिकार का स्वीकृति आदेश जारी होता है। जिसको बंद करने का अधिकार शिक्षा विभाग को नहीं है। फेडरेशन ने पूर्व शिक्षा मंत्री एवं विभाग के उच्च अधिकारियों को वेतन मद से भुगतान करने का आग्रह किया था।जिसपर निर्णय नहीं होने से वेतन भुगतान तथा
सेवानिवृत्त/दिवंगत शिक्षकों एवं कर्मचारियों के अंतिम स्वतत्वों के भुगतान में विलंब हो रहा है। फेडरेशन का कहना है कि निकट भविष्य में पदोन्नति से रिक्त पदों को भर दिया जायेगा। उस समय प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत रहे सेवानिवृत्त/दिवंगत शिक्षकों एवं कर्मचारियों के अंतिम स्वतत्वों के भुगतान में दिक्कत होगा।
उन्होंने बताया कि उपरोक्त स्कूलों में शिक्षकों/कर्मचारियों की नियुक्ति नियम अलग है। शाला प्रवेश का नियम अलग है। शिक्षण का माध्यम अलग है। वेतन/बजट का मद अलग है। सेजेस स्कूलों में शिक्षकों/कर्मचारियों का भुगतान DMF Fund से चेक द्वारा होता है, नियमित का ट्रेज़री तथा पी एम श्री में आबंटित बजट से होता है। कई स्कूलों में दो प्राचार्य कार्यरत हैं।एक ही स्कूल में शिक्षक एवं कर्मचारियों का दो सेटअप है। उन्होंने बताया कि राज्य के अनेक ऐतिहासिक स्कूलों का नाम आश्चर्यजनक है। बस्तर संभाग के कांकेर जिले में *पी एम श्री स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम नरहरदेव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय* तथा सरगुजा संभाग में
*पीएम श्री स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुनकुरी* *पीएम श्री स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मनोर, एवं पीएम श्री सर्वेश्वर दास नगर पालिक निगम स्कूल आफ एक्सीलेंस राजनांदगांव* उदाहरण है। *फेडरेशन ने स्कूलों का नामकरण पीएम श्री करने की माँग श्री विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन से किया है।* साथ ही इन स्कूलों में एक भर्ती नियम, एक सेटअप,एक वेतन मद तथा एक नाम का सुझाव दिया है।
राजनांदगांव से दीपक साहू