*➡️ कहा – एक राष्ट्र एक चुनाव की पुरानी परंपरा मोदी सरकार फिर शुरू करेंगे*
*राजनांदगांव।*
देश में एक राष्ट्र एक चुनाव की पुरानी परंपरा शुरू करना अत्यंत जरूरी हो गया है। इसके लिए केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत राजक सरकार वर्षों से प्रयास रहता है। एक राष्ट्र एक चुनाव की परंपरा दशकों पहले थी। जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार आई तब उन्होंने आपातकाल के समय से टुकड़ों टुकड़ों में चुनाव की परंपरा शुरू कर दी जो आज तक चल रही है। जिससे देश में बेहिसाब चुनावी खर्च बढ़ते चले गए जिससे देश की माली हालत पर विपरीत असर पड़ा है। यह कहते हुए नगर निगम के वरिष्ठ एवं भाजपा नेता शिव वर्मा ने कहां है कि आज नहीं तो कल एक राष्ट्र एक चुनाव की परंपरा फिर शुरू होगी और यह मोदी सरकार के कार्यकाल में ही संभव प्रतीत हो रहा है आगे चलकर निश्चित रूप से देश में चुनावी खर्च की भारी बचत होती रहेगी और वह पैसा देश के विकास निर्माण में खर्च होता चला जाएगा।
राष्ट्र की चिंता करते हुए शिव वर्मा ने आगे कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव समिति चुनाव आदि जितने भी चुनाव है वह एक ही साथ संपन्न हो जाए तो बार-बार के चुनाव के झंझट से बचा जा सकेगा इससे न तो धन की बचत होगी अपितु समय की भी बचत होगी श्री वर्मा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को व्यर्थ के चुनावी खर्च को बचाने की बड़ी भारी चिंता है इसीलिए तो वर्षों से उनका यह प्रयास जारी है जारी है कि वन नेशन वन इलेक्शन की परंपरा फिर से शुरू हो जाएगी इस तैयारी में उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल राज्य सरकारों से सुझाव मांगे हैं। यहां तक की त्रिस्तरीय पंचायत और नगरी निकायों से भी सुझाव आमंत्रित किए हैं देखना है आगे क्या होता है क्या होता है उम्मीद तो यही बन रही है कि आज नहीं तो कल एक राष्ट्र एक चुनाव की परंपरा शुरू होकर रहेगी। उन्होंने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर विपक्ष के विरोधों को राष्ट्र के विकास में घातक बताया है और कहा है कि टुकड़ों टुकड़ों में चुनाव की परंपरा उन्हें विपक्षी कांग्रेस के विरोध के चलते हो रहा है वरना कब का एक राष्ट्र एक चुनाव हो रहा होता कांग्रेस सहित उनके सहयोगी दल तो ईवीएम पर भी सवाल उठाते रहे हैं यह उनकी संकीर्ण सोच का परिचायक है।
राजनांदगांव से दीपक साहू की रिपोर्ट