जल संसाधन अनुविभाग-देवभोग का कारनामा

गरियाबंद : गरियाबंद जिला अंतर्गत जल संसाधन अनुविभाग देवभोग के अंतर्गत कराए गए कार्यों वर्ष 2015-16 से आज तब जो निर्माण कार्य है अनेक कार्य आज को स्थिति में खंडहर हो चुके हैं वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता भागीरथी मांझी प्रदेश उपाध्यक्ष (अ•ज•जा•मोर्चा छत्तीसगढ़)जीने प्रेस वार्ता में कहा जिनकी लागत करोड़ो की है इसका श्रेय इस अनुविभाग के अधिकारी को जाता है।जो
15- 20 सालों एक ही जगह गिद्ध की तरह दृष्टि डाला बैठा हुआ है. – इस क्षेत्र के लोगों को बेवकुफ बनाकर शासन की करोड़ो की राशि डकार डाले है।

क्षेत्र के सीधे साधे भोले भाले जनता को अपनी चापलूसी के जाल में फंसाकर मनमानी कर रहे है।
इस तरह से काम बरबाहली केनाल अधिग्रहण का 30 से 40 भोले भाले किसान आज तक उनके जाल के फंसे हुए हैं जिनका मुवाअजा भी उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है जैसे कि देखा जाए तो आज हमारे आदिवासी क्षेत्र डुमाघाट केनाल, काण्डसर स्टापडेम, अमलीपदर तटबंध, गोलामाल, पुलिया, बुरजाबहाल, पीपलखुटां, सरनाबहाल, धनोरा, जैसे आदिवासी क्षेत्रों में क्षेत्र की बेहतरीन सुविधाओं के लिए शासन द्वारा कार्य अनुमोदन किया गया था।

जिसको अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदारों की मनमानी पर ज्यादातर इन आदिवासी बहुल क्षेत्रों में भ्रष्टाचार करके कार्य किया गया है इस कार्यों में गुणवत्ता ही निर्माण हुआ है तथा यहां लगे मटेरियल केवल दिखाने मात्र के लिए थुक पालीस कर काम किया गया है इस पर बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है ऐसे भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ ठेकेदारों के खिलाफ जो कार्य में लापरवाही करते हैं तत्काल उनको कड़ी नजर में रख कर के बड़ी कार्यवाही किया जाए एवं इन क्षेत्रों में हुए कार्यों पर जांच किया जाए एवं गुणवत्ता ही निर्माण एवं शासन के करोड़ों की राशि को चाटने वाले दीमक की तरह भ्रष्ट अधिकारियों पर उचित कार्रवाई हो ।

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