दुर्ग : हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरुणा पल्टा ने विद्यार्थी जीवन में संघर्ष के महत्व को रेखांकित किया है. एमजे कालेज के वार्षिकोत्सव को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए उन्होंने माइकल जॉर्डन की कहानी सुनाई. उन्होंने बताया कि किस तरह माइकल के पिता ने उसे असंभव लगने वाले टार्गेट दिये और उन्हें अचीव करने के लिए उसे प्रेरित करते रहे. आगे चलकर निम्न मध्यवित्त परिवार का यह बालक दुनिया का सबसे अमीर बास्केटबाल खिलाड़ी बन गया. उन्होंने विद्यार्थियों को माइकल जॉर्डन के जीवन से प्रेरणा लेकर जीवन में सफल होने तथा अपने माता पिता एवं कालेज को गौरवान्वित करने का आशीर्वाद दिया।
कुलपति डॉ पल्टा ने कहा कि हालांकि वे पहली बार एमजे कॉलेज आई हैं पर यहां का अनुशासन, यहां के टेस्ट और यहां के रचनात्मक नवाचार ने उन्हें प्रभावित किया है. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप गर्व करें कि विश्वविद्यालय के 147 महाविद्यालयों में से तीसरे सबसे अच्छे कालेज में पढ़ रहे हैं. अपने समय का सदुपयोग करें, खूब मेहनत करें और अपने महाविद्यालय को भी गौरवान्वित करें।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे अपनी भाषा, अपने धर्म, अपनी संस्कृति पर गर्व करें. अपने जीवन को बहुआयामी बनाएं. 99 प्रतिशत के फेर में न पड़ें. देखा गया है कि परीक्षाओं में 70 से 80 प्रतिशत अंक पाने वाले जीवन में ज्यादा सफल होते हैं. ऐसे विद्यार्थियों में असफलता को पचाने की ताकत होती है, वे तब भी आशावान बने रहते हैं जब जीवन संकट से घिर जाता है. संकटकाल में व्यक्ति अकसर अकेला होता है. इससे अकेले जूझने की शक्ति पैदा करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में वही देश आगे बढ़ पाए हैं जिन्होंने स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश किया. प्रतिदिन एक-दो घंटा अपनी सेहत को दें. पैदल चलें, दौड़ें. लिफ्ट और वाहन का उपयोग कम करें. स्मार्ट वर्क करें और अपने समय का सदुपयोग करें. छात्र जीवन में आप सीख सकते हो, गलतियां कर सकते हो, रिस्क ले सकते हो क्योंकि उम्र के इस पड़ाव पर आपके पास माता-पिता और टीचर्स का सपोर्ट सिस्टम है. यहां से सीखकर निकलोगे तो जीवन के जोखिमों से लड़ना आ जाएगा।
विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने महाविद्यालय की प्रगति की प्रशंसा करते हुए कहा कि महाविद्यालय का अनुशासन अनुकरणीय है. महाविद्यालय को अब 3.5 अंकों की तैयारी करना चाहिए. इसके लिए विश्वविद्यालय हर कदम पर सहयोग करने के लिए तैयार है. उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे अपने समय को व्यर्थ न गंवाएं. इसके लिए वे कुलपति डॉ अरुणा पल्टा से सीख ले सकते हैं. यहां पहुंचने के बाद कार्यक्रम प्रारंभ होने से पहले तक वे काम करती रहीं और लगभग सौ डिग्रियों पर हस्ताक्षर कर दिये।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलसचिव भूपेन्द्र कुलदीप ने कहा कि जीवन में लक्ष्य निर्धारित कर प्रयास करने से सफलता मिलकर रहती है. अपने जीवन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक प्रायवेट नौकरी करते हुए उन्होंने पीएससी की तैयारी की. छह साल लग गए पर अंततः आज वे अपने करियर के शीर्ष पर हैं।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित क्रेडा के निदेशक विजय साहू ने विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानन्द के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि हालांकि स्वामीजी का स्वतंत्रता आंदोलन में कहीं भी प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं था पर लगभग सभी विलक्षण स्वतंत्रता संग्राम सेनानी किसी न किसी रूप में उनसे जुड़े हुए थे और प्रेरणा प्राप्त करते थे।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे विवेकानंद के जीवन से जुड़ी बारीकियों को ढूंढ कर उनका अध्ययन करें. इस विषय पर शोध का भी प्रयास करें. यह आपको अद्भुत ऊर्जा से भर देगा. उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि लक्ष्य निर्धारित कर गंभीरता से तैयारी करें. उसे समय दें और अपनी ड्रीम जॉब हासिल करें. उन्होंने महाविद्यालय के उत्तरोत्तर प्रगति की कामना करते हुए उपलब्धियों पर बधाई भी दी।
विद्यार्थियों ने छत्तीसगढ़ नृत्य, पौराणिक घटनाओं पर नृत्य नाटिका, आजादी का अमृत महोत्सव थीम पर देशभक्ति ओतप्रोत नृत्य प्रस्तुत किये. विद्यार्थियों ने स्वामी विवेकानंद, कालेज लाइफ, संवादहीनता आदि विविध विषयों पर नाटक की प्रस्तुतियां भी दीं.
कार्यक्रम के आरंभ में महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि कुलपति के ऊर्जावान नेतृत्व ने महाविद्यालयों में नई उमंग का संचार किया है।
आज यदि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय से संबद्ध सबसे ज्यादा महाविद्यालयों का नैक मूल्यांकन हो पाया है तो इसका पूरा श्रेय कुलपति और विश्वविद्यालय की टीम को जाता है. महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने महाविद्यालय का प्रतिवेदन पढ़ा।
कार्यक्रम का संचालन ममता एस राहुल एवं ममता सिन्हा ने संयुक्त रूप से किया. विद्यार्थियों ने इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये. अतिथियों ने महाविद्यालय के कृति विद्यार्थियों तथा नैक मूल्यांकन में बड़ी भूमिका निभाने वाले शिक्षक प्रभारियों का सम्मान किया. धन्यवाद ज्ञापन शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया ने किया।