शून्य,पाई और अनंत की गणितीय अवधारणाओं पर भारतीय गणितज्ञ रामानुजन का अविस्मरणीय योगदान

गरियाबंद : शासकीय राजीव लोचन स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजिम में अंकों के जादूगर दुनिया को अनंत का विज्ञान समझाने वाले गणितज्ञ रामानुजन के योगदान के अवसर पर प्रसिद्ध गणितज्ञ डॉ. गोविंद प्रसाद साहू सहायक प्राध्यापक गणित सेंटर फॉर बेसिक साइंस, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय का आधुनिक गणित की झलक विषय पर विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना, छत्तीसगढ़ राजकीय गीत और द्वीप प्रज्वलन से हुआ। संस्था प्रमुख डॉ. सी. एल. देवांगन ने कहा कि मैं भी गणित का विद्यार्थी रहा और गणित का प्रोफेसर भी हूं। रामानुजन का गणित में अतुल्य योगदान है। उनकी प्रतिभा अद्भुत थी अंको को याद करने और गणितीय संक्रिया करने में रामानुजन माहिर थे। एमएससी के विद्यार्थी चंचल देवांगन, हिरेंद्र और लोमेश ने रामानुजन की जीवनी का वाचन करते हुए बताया कि रामानुजन दूरगामी सोच वाले व्यक्तित्व थे उनका जन्म 22 दिसंबर 1887 को हुआ था। कम उम्र से ही उन्होंने स्नातक स्तर में गणितीय प्रमेयो, समीकरणों को हल कर दिया था।

कार्यक्रम के संयोजक भौतिकी विभागाध्यक्ष डॉ. गोवर्धन यदु ने बताया कि यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद रायपुर छत्तीसगढ़ और भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद नई दिल्ली, विज्ञान और तकनीकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित था।

डॉ. यदु ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि तीन दिवसीय राष्ट्रीय गणित दिवस में विभिन्न अंतर महाविद्यालयीन व विद्यालयीन प्रतियोगिता जैसे निबंध, रंगोली, प्रश्न मंच और भाषण प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। गणितीय अवधारणाओं को दैनिक गतिविधियों से जोड़ना ही आज के दिनों में नये अविष्कारो व नवाचारों को बताता है। रामानुजन ने कई ऐसे समीकरण प्रतिपादित किए थे जिनका आज महत्व पता चल रहा है।

शून्य,पाई और अनंत की गणितीय अवधारणाओं पर भारतीय गणितज्ञ रामानुजन का अविस्मरणीय योगदान

डॉ. देवेंद्र देवांगन ने बताया कि गणित का उपयोग विज्ञान की सभी शाखाओं में व्यापक रूप से होता है। दैनिक जीवन में भी हम गणितीय संख्याओं का उपयोग बहुत अधिक करते हैं। कार्यक्रम के मुख्य लोकप्रिय व प्रसिद्ध गणितज्ञ डॉ. गोविंद प्रसाद साहू ने रामानुजन के अद्भुत, आश्चर्यचकित और अविस्मरणीय तथ्यों को विस्तार से बताया कि ब्लैक होल, अनंत संख्याओं के योग, पाई का मान ज्ञात करने में रामानुजन ने किस प्रकार अपना दिमाग लगाया जो कि एक अद्भुत रहस्यमई तथ्य व संकल्पना थी।

उन्होंने बताया कि अनंत की अवधारणा केवल रामानुजन के पास ही थी। उन्होंने रामानुजन हार्डी नंबर 1729 व रामानुजन मैजिक बॉक्स के बारे में भी बताया। डॉ. साहू ने हिलबर्ट होटल का वीडियो दिखाकर अनंत की अवधारणा को स्पष्ट किया साथ ही रामानुजन के अवधारणा को गणितज्ञ क्रेटर, हिलबर्ट ने कैसे वास्तविक रूप दिया इसका भी वर्णन किया।

विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों वह शंकाओं को भी डॉ. साहू ने सहज तरीके से समझाने का प्रयास किया। कार्यक्रम में विजयी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट और पुरस्कार वितरित किया गया। कार्यक्रम का संचालन राजश्री देवांगन एमएससी चतुर्थ सेमेस्टर ने किया और आभार प्रदर्शन डॉ. देवेंद्र देवांगन सहायक प्राध्यापक रसायन शास्त्र ने किया।

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