छत्तीसगढ़ से कितने केंद्रीय मंत्री बनेंगे ? इन पांच नामों पर चर्चा तेज

(संतोष देवांगन) रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य की 11 लोकसभा सीटों में से 10 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज करने के बाद राज्य के नवनिर्वाचित सांसदों में से कुछ चेहरे केंद्रीय मंत्रिमंडल (central cabinet) में जगह बना सकते हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल गठन के पूर्व जिन नामों को लेकर काफी चर्चा है, उन नामों में रायपुर लोकसभा से बृजमोहन अग्रवाल, राजनांदगांव लोकसभा सीट से दूसरी बार जीत दर्ज करने वाले संतोष पांडेय, दुर्ग लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद जितने वाले विजय बघेल, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट जांजगीर-चांपा लोकसभा से पहली बार सांसद बनने वाली कमलेश जांगड़े और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित बस्तर लोकसभा सीट से चुनकर आने वाले महेश कश्यप शामिल हैं।

बताया जा रहा है कि, छत्तीसगढ़ से 1 या 2 सांसद केंद्रीय मंत्रिमंडल में लिए जा सकते हैं। वहीं इससे पहले साल 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में अविभाजित मध्यप्रदेश में दिलीप सिंह जूदेव, रमेश बैस और डाॅ.रमन सिंह केंद्रीय मंत्री बनाए गए थे। राज्य गठन के बाद से छत्तीसगढ़ से महज 1-1 मंत्री बनाए जाने का दौर शुरू हो गया था। भाजपा शासित 2 राज्य उत्तरप्रदेश और राजस्थान में पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ, वहीं मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में उम्मीदों के अनुरूप नतीजे आए है। माना जा रहा है कि इसी कारण से ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में इन दोनों राज्यों को खासतौर पर तरजीह दी जाएगी।

क्या बृजमोहन अग्रवाल बनेंगे केंद्रीय मंत्री?

बृजमोहन अग्रवाल 8 बार के विधायक हैं। भारत में सर्वाधिक मतों से चुनाव जीतने वाले टाॅप 10 सांसदों में उनका नाम शामिल है। अविभाजित मध्यप्रदेश के दौर में पटवा सरकार में मंत्री रहे थे। जिसके बाद 2003 से लेकर साल 2018 तक रमन सिंह की सरकार में मंत्री पद संभाला। विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टी की बड़ी जीत के बाद साय सरकार में उन्हें स्कूल शिक्षा मंत्री बनाया गया। मंत्री पद पर रहते भाजपा हाईकमान ने उन्हें लोकसभा का टिकट दे दिया। बृजमोहन अग्रवाल प्रबंधन में विशेषज्ञ माने जाते हैं। फिर चाहे चुनावी प्रबंधन हो या रणनीतिक, संसदीय मामले के जानकार हैं। सदन के अंदर विपक्षी दलों की रणनीति पर आक्रामक हमला करने के लिए पहचाने जाते हैं।

क्या संतोष पांडे बनेंगे केंद्रीय मंत्री?

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस बार राजनांदगांव लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे। लेकिन, संतोष पांडे ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल को हराकर राजनांदगांव लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। प्रदेश भाजपा महामंत्री का दायित्व संभाल चुके हैं। कुशल संगठन प्रबंधक माने जाते हैं। संतोष पांडेय के साथ एक संयोग यह भी है कि 1999 में पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा को हराकर जब डाॅ.रमन सिंह सांसद बने थे, तब उन्हें अटक सरकार में मंत्री बनाया गया था। इस समीकरण के आधार पर ही उनके नाम की चर्चा तेज हो गई है कि, उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनाव हराया है। मोतीलाल वोरा और भूपेश बघेल भी दुर्ग जिले से आते थे।

क्या विजय बघेल बनेंगे केंद्रीय मंत्री?

विजय बघेल एक बार के विधायक और 2 बार के सांसद हैं। वर्ष 2019 के मुकाबले सबसे बड़े अंतर से चुनाव जीता है।समाजिक समीकरण में फिट बैठते हैं। ओबीसी श्रेणी में आने वाले कुर्मी समाज के सबसे बड़े नेताओं में से एक हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रिश्तेदार भी हैं। विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा ने उन्हें भूपेश बघेल के खिलाफ मैदान में उतारा था। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी ने दूसरी बार लोकसभा की टिकट दी। मोदी सरकार के अंतिम मंत्रिमंडल विस्तार में भी मंत्री बनाए जाने की अटकले थी। भारत में चल रहे ओबीसी केंद्रीत राजनीतिक फार्मूले में फिट बैठते हैं।

क्या केंद्रीय मंत्री बनेंगी कमलेश जांगड़े?

कमलेश जांगड़े अनुसूचित जाति वर्ग (SC Category) के साथ-साथ महिला फैक्टर उनके साथ है। उन्होंने कांग्रेस के गढ़ से चुनाव जीता है। जांजगीर-चांपा लोकसभा की 8 विधानसभा सीटों में कांग्रेस का कब्जा है। नेता प्रतिपक्ष डाॅ.चरणदास महंत का प्रभावशील क्षेत्र माना जाता है। वहीं छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े संभाग बिलासपुर क्षेत्र से आती हैं। एबीवीपी से छात्र राजनीति की शुरुआत कर यहां तक पहुंचने वाली युवा सांसद हैं।

क्या महेश कश्यप बनेंगे केंद्रीय मंत्री?

महेश कश्यप आदिवासी बाहुल्य बस्तर में हिन्दुत्व और धर्मांतरण के मुद्दे पर मुखर चेहरा हैं। युवा और आदिवासी फैक्टर इनसे जुड़ा हुआ है। नक्सलवाद का खात्मा किए जाने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता के साथ खनन और उद्योग के रास्ते बस्तर को विकास से जोड़े जाने के समीकरण के आधार पर उन्हें प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है।

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