बैगा, भारिया, सहरिया भी पहुँचेंगे नए आवास अपने स्वयं के घर में मनाएंगे दीपोत्सव,मध्यप्रदेश में हर व्यक्ति के अपने घर के सपने को साकार करने के ठोस प्रयास
ब्यूरों रिपोर्ट-“छत्तीसगढ़-24-न्यूज़”
मध्यप्रदेश में आवास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए 21 लाख 5 हजार आवास बना लिए गए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में प्रदेश के कुछ जिलों में अतिवृष्टि के बावजूद वर्षाकाल की तिमाही में सबसे ज्यादा एक लाख 60 हजार आवास बना लिए गए। योजना में मध्यप्रदेश को मिले 26.28 लाख आवास गृह बनाने के लक्ष्य के मुकाबले प्राप्त उपलब्धि संतोषजनक ही नहीं गरीबों को आवास गृह दिलवाने की दृष्टि से सराहनीय भी है। उल्लेखनीय बात यह है कि मध्यप्रदेश की तीन विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, सहरिया और भारिया के लोगों के लिए भी विशेष परियोजना के अंतर्गत आवास गृह उपलब्ध करवाए गए हैं। जीर्ण-शीर्ण घरों में रहने वाले इन वर्गों के लोगों के लिए यह अकल्पनीय था कि उन्हें इतनी शीघ्र आवास गृह मिल जाएगा और दीपोत्सव वे नए घर में ही मना पाएंगे।
2 लाख 51 हजार हितग्राहियों को आवास गृह का एक साथ वर्चुअल गृह प्रवेश करवाएंगे
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2022 तक देश के सभी आवासहीन लोगों को आवास गृह उपलब्ध कराने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की पूर्ति में मध्यप्रदेश अच्छा कार्य कर रहा है। इस क्रम में आगामी सप्ताह मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के 2 लाख 51 हजार हितग्राहियों को आवास गृह का एक साथ वर्चुअल गृह प्रवेश करवाएंगे। इस संबंध में आवश्यक तैयारियाँ की जा रही हैं। सबको आवास 2022 की लक्ष्य पूर्ति में मध्यप्रदेश ने अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। जिन परिवारों को अपने मकान की सौगात मिली है, वे प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रति विशेष रूप से आभारी भी हैं। इस वर्ष दीपावली के पहले वे अपने नवनिर्मित आवास गृह में पहुँचने के लिए तैयार हो गए हैं। अब वे नए आवास गृह में ही दीपोत्सव मनाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान का कहना है कि प्रदेश में हर गरीब परिवार को भूमि का पट्टा और पात्रतानुसार आवास निर्माण की राशि दी जाएगी।
कोरोना काल में भी नहीं रुका आवास बनाने का कार्य
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निरंतर समीक्षा करते हुए आवास योजनाओं के क्रियान्वयन की गति को बढ़ाने के साफ निर्देश दिए। इसके फलस्वरूप प्रदेश में कोरोना काल में भी आवास निर्माण का कार्य नहीं रूका। इस अवधि में 3 लाख से अधिक आवास गृह निर्मित किए गए। आमतौर पर एक आवास गृह के निर्माण के लिए औसतन 4 महीने का समय तय है, लेकिन पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने गरीबों के लिए पक्के मकान बनाने का कार्य तेजी से पूरा करते हुए एक माह के अल्प समय में 1 लाख आवास गृह बनाकर तैयार किए। आवास निर्माण की अवधि राष्ट्रीय स्तर पर 114 दिवस है। इस दृष्टि से मध्यप्रदेश में अच्छी गति के साथ आवास निर्माण के कार्य सम्पन्न हुए हैं। वर्षाकाल में यह संभव नहीं था लेकिन निर्माण एजेंसियों ने मनोयोगपूर्वक कार्य करते हुए इस उपलब्धि को हासिल किया है।
सॉफ्ट एप के माध्यम से हितग्राही के खाते में अंतरित होती है राशि
महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में उन लोगों को आवास गृह मिल गया है, जिनका अपना मकान नहीं था। योजना के प्रावधानों के अनुसार हितग्राही को मकान की इकाई लागत मैदानी क्षेत्र में एक लाख 20 हजार और दूरस्थ पहुँचविहीन दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में एक लाख 30 हजार रूपए शत-प्रतिशत अनुदान के रूप में प्रदान की जाती है। यह राशि आवास निर्माण के कार्य की प्रगति के आधार पर किश्तों के रूप में दी जाती है। हितग्राही द्वारा अपने मकान के निर्माण के लिए प्रदर्शित रूचि और परिश्रम के अच्छे परिणाम मिलते हैं। पूरा परिवार पक्के आवास गृह को पाकर अपने जीवन को सार्थक महसूस करता है। सॉफ्ट एप के माध्यम से जियो टेग, फोटो अपलोड होने पर स्वमेव हितग्राही के खाते में राशि का अंतरण हो जाता है। हितग्राही को किसी सरकारी दफ्तर का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है। मकान के साथ ही स्वच्छ शौचालय का निर्माण किया जाता है। यही नहीं हितग्राही को उज्जवला योजना में एलपीजी गैस कनेक्शन भी प्रदान किया जाता है।