रानीतराई/पाटन(संतोष देवांगन) : विगत 25 वर्षों से बड़े पैमाने पर कच्ची शराब बेचने के नाम से बदनाम असोगा गांव में इन दिनों सरकारी शराब दुकान खुलने की ख़बर ने महुआ के कच्ची शराब बनाने व् बेचने वालों और अवैध शराब कोचियों के चेहरे मुरझा गए हैं। सूत्रों की मानें तो असोगा में रोजाना लगभग 50 हजार से अधिक की अवैध और कच्ची शराब का बिजनेस होता हैं। तथा यहां मध्यप्रदेश के भी शराब बड़े पैमाने पर कई बार पकड़े गए हैं।
*असोगा में विगत 25 वर्षों से बड़े पैमाने पर बनाए जाते हैं कच्ची शराब* : वही असोगा गांव के अधिकांश निवासी इस शासकीय शराब दुकान खुलने का दबी जुबान से स्वागत कर रहे हैं। कि अब उनके गांव के गली खोर में बिकने वाली शराब से 25 साल बाद राहत मिल रही हैं। साथ ही कच्ची शराब के सेवन से गांव के कई जाने गई है उससे आगे राहत मिलेगी।
*अवैध शराब से त्रस्त जनता को सरकारी शराब दूकान से मिलेगी राहत* : इस बीच असोगा में कच्ची शराब बेचने वालों तथा बाहर से शराब लाकर गांव में बेचने वालों ने अपने अपने माध्यमों से गांव में शराब दुकान ‘नहीं’ खुले इस हेतु विरोध की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है। लेकिन अवैध शराब से त्रस्त जनता अब उनसे मुक्ति चाहते हैं। इस कारण उनके झांसे में आकर सरकारी शराब दुकान का विरोध करने से तौबा कर रहे हैं।
*मध्यप्रदेश से बड़े पैमाने में लाकर रखें अवैध शराब भी पकड़े जा चुके हैं असोगा में* : आपको बतादें कि इसके पहले भी गांव में अवैध शराब के खिलाफ समाजिक कार्यकर्ताओं और महिला संगठनों ने मुहिम चलाई थी। पर वह सब राजनीति व अवैध शराब बेचने वालों के वैमनस्य के शिकार होकर बंद हो गया । पर अवैध कच्ची शराब से छुटकारा नहीं मिला । अब असोगा गांव में वर्षों से चल रहे इस अवैध और कच्ची शराब के कारोबारी से मुक्ति के लिए लोगों को सरकारी शराब दुकान एक मात्र ही सहारा है।