पाटन/संतोष देवांगन : आज जहां एक ओर स्कूलों में धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया जा रहा था तो दूसरी ओर इस दिन कौही के मिडिल स्कुल के छात्र के साथ दु:खद घटना घट गई जिसमें मिडिल स्कूल का सातवीं कक्षा का छात्र वोमेश कुमार की अकाल मौत हो गयी. इससे स्कुल में ख़ुशी का माहौल गमगीन हो गई।⬇️शेष नीचे पढ़े⬇️
आप को बतादे की छात्र “शिक्षक दिवस” के कार्यक्रम के लिए नारियल खरीदने के लिए गया था. जहां नारियल खरीदने के बाद छात्र को कौही मंदिर की ओर जाते देखा गया था. सूत्रों के अनुसार छात्र वोमेश कुमार उक्त बाइक को तेज रफ्तार में चला रहा था और उसने बाइक पर से अपना संतुलन खो बैठा जिससे छात्र सीधे कौही मंदिर के गेट से टकरा गया जिसे तत्काल उपचार के लिये रानीतरई उपस्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां से उसे पाटन स्वास्थ्य केंद्र के लिए रेफर कर दिया गया है। जहाँ मिडिल स्कूल छात्र वोमेश कुमार साहू को मृत डॉक्टर के द्वारा अमृत घोषित कर दिया।⬇️शेष नीचे पढ़े⬇️
वही वाहन में सवार दूसरे छात्र भूपेश तिवारी को अंबेडकर हॉस्पिटल रायपुर रिफर किया गया है बता दे कि बाइक हेडमास्टर संतोष कुमार महिलॉगे का है। इसकी जानकारी मिलते ही मिडिल स्कूल के हेडमास्टर को विकास खंड शिक्षाधिकारी (बीईओ) ने निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए जिला शिक्षाधिकारी (डीईओ) को इस घटना के सम्बन्ध में पत्र लिखा हैं। वही इस घटना के बाद कौही में भव्य रूप से शिक्षक दिवस एवं तीज मिलन समारोह कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है।⬇️शेष नीचे पढ़े⬇️
ये है घटना का प्रमुख प्रश्न.? ⬇️शेष ⬇️ : घटना स्थल से स्कुल की दुरी लगभग 1 से डेढ़ किलोमीटर है, वही बताया जा रहा है कि छात्र ने नारियल खरीदने जाने के लिए हेडमास्टर महिलांगे से बाइक की चाबी मांगकर नारियल खरीदने वाहन चलाते गया.? पर किसी शिक्षक ने बालक को चाबी देने से मना नहीं किया, क्यों.? ⬇️शेष ⬇️
वही हेडमास्टर महिलांगे ने नाबालिक सातवीं कक्षा के छात्र को वाहन की चाबी क्यों दिया. क्या शिक्षक उक्त छात्र को हमेशा वाहन देता था.? ⬇️शेष ⬇️
क्या उस छात्र ने बाइक चलाना कहा से सीखा, क्या उक्त छात्र को बाइक चलाने उसके पालक ने सिखाया है, जिसके कारण मृतक छात्र ‘फूल कॉंफिडेंश’ के साथ छात्र अपने शिक्षक का बाइक चलाया.? ⬇️शेष ⬇️
मृतक छात्र नारियल लेकर स्कुल क्यों नहीं गया, जबकि स्कूल से दूकान 100 मीटर की दूरी पर बताया जाता है, पर उक्त मृतक छात्र स्कूल से लगभग 1 से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर मंदिर स्थित है जहा दर्दनाक घटना घटी जिससे छात्र की मौत हुई.? ⬇️शेष ⬇️
आखिर सवाल ये उठता है कि इस दुर्घटना के पीछे…शिक्षक, पालक या बालक जिम्मेदार है। क्योकि प्रश्न ये भी उठता है की उक्त छात्र वाहन चलाना किस्से सीखा.?, (क्या नाबालिग को वाहन चलाना सिखाना कहां तक उचित है.?) क्या सिर्फ एक पर कार्रवाई करना न्याय संगत है। क्योंकि इस बड़ी लापरवाही के चलते एक माँ का गोद और घर का आंगन सूना जो हो गया।