गरियाबंद। जिला अस्पताल में पिछले कुछ समय से बंद नसबंदी सेवा पुनः प्रारंभ हो गई है। जनसंख्या नियंत्रण व परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत जिला चिकित्सालय गरियाबंद में दूरबीन पद्धति से 8 महिलाओं का सफल नसबंदी ऑपरेशन किया गया। इस दौरान जिले की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जो स्वयं भी स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं वहां उपस्थित रही।
पुरुष नसबंदी भी
गरियाबंद जिला चिकित्सालय में पदस्थ शल्य चिकित्सक डॉक्टर हरीश चौहान और डॉक्टर ए के हुमने द्वारा समय समय पर पुरुष नसबंदी ऑपरेशन कार्य भी किया जा रहा है । पिछले दिनों पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान छुरा में 13, गरियाबंद में 7 तथा राजिम मे 9 ऑपरेशन सहित कुल 29 पुरुषों का सफल एनएसवीटी ऑपरेशन दोनों डॉक्टरों के द्वारा किया गया है।
ये थी समस्या
पिछले कुछ समय से जिले की परिवार नियोजन हेतु इच्छुक महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन, विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी के कारण नहीं हो पा रहा था। इस कारण जिले की महिलाओं को स्थाई रूप से परिवार नियोजन हेतु अधिक खर्च में निजी अस्पतालों में अथवा अन्य जिलों या उड़ीसा राज्य में जाकर अपनी नसबंदी करानी पड़ती थी। मितानिनों ने भी जिले में महिला नसबंदी कराए जाने की मांग रखी थी।
जिले में पुरुष नसबंदी की अपेक्षा महिला नसबंदी के प्रति अधिक रुझान देखने को मिलता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा इस बात को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र पहल की गई, आज जिला चिकित्सालय गरियाबंद में महिला नसबंदी ऑपरेशन शिविर का आयोजन किया गया। जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फिंगेश्वर में पदस्थ गाइनेकोलॉजिस्ट एवं लेप्रोस्कोपिक विशेषज्ञ डॉक्टर शोमी चंद्राकर के द्वारा कुल 8 महिलाओं का दूरबीन पद्धति से सफल नसबंदी ऑपरेशन किया गया।
महिला नसबंदी शिविर को सफल बनाने में जिला चिकित्सालय के निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र चौधरी, ओटी स्टाफनर्स की टीम, राजिम के प्रभारी बीईटीओ योगेश पराना, सुपरवाइजर के के कृषाणु सहित मितानिन बहनों का सहयोग रहा।
आपको बता दें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फिंगेश्वर में सोनोग्राफी सुविधा के साथ ही ओटी को अपडेट कर एफआरयू सेंटर के रूप में विकसित किया गया है। जिला चिकित्सालय के ओटी को भी नये उपकरणों और संसाधनों से सुसज्जित किया गया है।