रानीतराई :- वर्तमान में स्व.दाऊ रामचन्द शासकीय महाविद्यालय शासकीय कन्या शाला में लगता था जिसका जीर्णोद्धार के लिये माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने बच्चों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बहुत ही गंभीरता पूवर्क तत्काल 50 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की थी कि जर्जर भवन सुधर जाए और भविष्य में कोई अनहोनी दुर्घटना ना घटे परंतु ठेकदार ने अपने स्वार्थ के चलते भवन को तोड़कर पहले से और बत्तर बना दिया जो भविष्य में बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकता है।निर्माणाधीन भवन का सांसद प्रतिनिधि डॉ. हिमांचल साहू जी ने निरीक्षण किया तो पता चला कि भवन के छत में अभी से दरार पड़ गया है फिर उसने आसपास के लोगों से पूछताछ किया तो लोगों ने बताया कि भवन में गुणवत्ता विहीन मटेरियल का उपयोग किया जा रहा छबनाई के लिए जो रेत उपयोग किया जा रहा है वह रेत मिट्टीयुक्त रेत है ईट जोड़ाई एवं छबनाई में पानी का तराई बिल्कुल ही नहीं हुआ है ना ही छत में ढंग से पानी का तराई हुआ है पिछला निर्माण भी गुणवत्ता विहीन हुआ था उसमें भी इसी प्रकार का पानी तराई नहीं हुआ था(क्योंकि सीमेंट से निर्मित भवन में पानी तराई सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है) जिस कारण भवन बहुत जल्दी ही जर्जर हो गया था लोगों का कहना है कि जब शासन ने 50 लाख स्वीकृत किया है तो अधिकारियों को भी इस पर नजर रखना चाहिए इस प्रकार से बार-बार एक ही भवन पर खर्च करना शासन के राशि का बन्दर बांट है फिर 4-5 साल में भवन जर्जर हो जायेगा फिर शासन राशि स्वीकृत करेगा ये सिरसिला चलता रहेगा ।
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