गरियाबंद : भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री मुरलीधर सिन्हा ने राजिम विधायक अमितेश शुक्ल के विधानसभा में सबसे कम उपस्थिति पर अनेक सवाल खड़े किये है। सिन्हा ने कहा कि राजिम विधायक अमितेश शुक्ल को जनता से कोई सरोकार नहीं है।
सपने में भी अपने को मंत्री समझते रहते हैं , उन्हें अपने लैटर पैड में पूर्व विधायक या पूर्व मंत्री लिखने में शर्म आती है । प्रथम पंचायत मंत्री लिखना सामंती विचार को प्रदर्शित करता है। रही बात विधानसभा में सबसे कम उपस्थिति की ,तो उन्हें राजिम की जनता का कोई ख्याल नहीं है। विधायक मंत्री के पद पर रहें हैं किन्तु अब तक उनकी कोई उपलब्धि नजर नहीं आती। ऐसा लगता है कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधायक अमितेश शुक्ल की सुनते ही नहीं है ।
अमलिपदर को मिला तहसील का दर्जा और फिंगेश्वर रह गया
भाजपा नेता मुरलीधर सिन्हा कहा कि बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के काँग्रेसी कार्यकर्ताओं ने एक गांव अमलीपदर को तहसील का दर्जा दिलवा दिया किन्तु 1952 से उप तहसील के दर्जा पाये, राजिम क्षेत्र के फिंगेश्वर को पूर्ण तहसील का दर्जा अब तक क्यों नही मिल सका है।
विदित हो कि छत्तीसगढ़ के 146 विकासखंड के 145 विकासखंड पूर्ण तहसील बन चुके है, केवल फिंगेश्वर विकासखंड पूर्ण तहसील नहीं बन पाया । ऐसे ही गोबरा नवापारा में कन्या महाविद्यालय खुल सकता है तो गरियाबंद जिला मुख्यालय में क्यों नहीं ? जो कि अतिआवश्यक है, किन्तु शुक्ल परिवार उच्च शिक्षा के घोर विरोधी रहें हैं।
इसीलिये तीन बार के मुख्यमंत्री वाले क्षेत्र राजिम में एक भी कॉलेज नहीं था। राजिम विधानसभा क्षेत्र की जनता अब भी बुनियादी सुविधाओं की बाट जोह रही है । मुरलीधर सिन्हा ने उम्मीद जताई कि राजिम विधानसभा क्षेत्र की जनता अबकी बार उचित निर्णय लेंगी।