छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार द्वारा अवैध धर्मांतरण को बढ़ावा देने के विरुद्ध भाजपा ने सौंपा राज्यपाल के नाम ज्ञापन

गरियाबंद । प्रदेश के अनुसुचित क्षेत्रों में लगातार जारी अवैध धर्मांतरण व अवैध चर्च निर्माण पर रोक लगाने, धर्मांतरण के व्यवसाय में लगी मिशनरियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने, नारायणपुर की घटना में बंद किये गये आदिवासियों की रिहाई तथा आदिवासी समाज के लोगों पर झूठे केस बनाकर जेल भेजने पर रोक लगाने व कांग्रेस सरकार द्वारा निर्दोष लोगों के विरुद्ध की जा रही दंडात्मक कारवाई बंद करने की मांग को लेकर सोमवार को भाजपा ने कांग्रेस सरकार के विरूद्ध राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

इस दौरान ज्ञापन में भाजपा ने आरोप लगाया कि छतीसगढ़ राज्य सरकार अवैध के धर्मान्तरण के विरूद्ध कार्यवाही करने के बजाय राज्य सरकार वर्ग-भेद व वर्ग संघर्ष करने की रणनीति अपनाने , मिशनरियों का हौसला बढ़ाने तथा भयग्रस्त, आक्रांत, भोले-भाले आदिवासी समाज का मुंह बंद करने की मंशा से काम कर रही है। आज बस्तर संभाग सहित पूरे छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार की शह पर बढ़ते अवैध धर्मांतरण और आदिवासी समाज पर पुलिस की एकतरफा बर्बरतापूर्वक कार्यवाही से प्रदेशभर में आदिवासी समाज आहत है।

एक जनवरी को जिस प्रकार से नारायणपुर में पास्टर, पादरी एवं अवैध धर्मांतरित लोगों ने 1000-1500 की संख्या में एकत्रित होकर न केवल आदिवासी समाज के लोगों पर धारदार हथियार, लाठी-डण्डा से वार किया गया अपितु मौके पर पहुंची पुलिस पर भी घातक रूप से हमला किया गया। इस घटना में मिशनरियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के बजाय राज्य सरकार ने इसके उलट आदिवासी समाज के ही मुखिया, सीधे-सीधे आदिवासी भाईयों, सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को झूठे व गंभीर धाराओं के तहत गिफ्तार कर जेल भेजवा दिया। इससे पूरे प्रदेश में आदिवासी समाज में रोष व्याप्त है। भाजपा ने राज्यपाल से इस पर उचित कार्यवाही करने की मांग की।

इस अवसर पर सांसद चुन्नीलाल साहू ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण की आग तेजी से बढ़ रही है, राज्य सरकार के संरक्षण में भोले भले आदिवासियों को बहला फुसला कर लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया की धर्मांतरण को बढ़ावा देकर ये सरकार आदिवासी संस्कृति को नष्ट करने का काम कर रही है। नारायणपुर में जिस तरह की घटना सामने आई उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में मिशनरियों के हौसले कितने बुलंद हो गए। वही सरकार खामोशी को चादर ओढ़ के सोई है।

विधायक डमरूधर पुजारी ने कहा की पूर्व में सुकमा पुलिस अधिक्षक ने भी अवैध धर्मांतरण को लेकर अपने मातहतों को पत्र लिखकर मिशनरियों की अवैध गतिविधियों के बारे में जानकारी दी थी। बस्तर कमिश्नर ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर इसे बेहद संवेदनशील मुद्दा बताते हुये अवैध धर्मांतरण के रोकथाम हेतु गाईड लाईन जारी की थी, परन्तु राज्य सरकार की वोट बैंक की राजनीति के चलते अवांछित रूप से ना सिर्फ अवैध धर्मांतरण होने दिया गया बल्कि इसे पाल-पोस कर आगे बढ़ाने का काम भी किया गया, जिसके चलते मिशनरियों ने पूरे प्रदेश में हजारों की संख्या में अवैध रूप से चर्चों का निर्माण करा दिया। इस अवैध ढंग संचालित चर्चों के उद्घाटन में राज्य सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक एवं नेता बतौर मुख्य अतिथि शामिल होते रहे।

राज्यपाल के नाम ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रुप से वरिष्ठ भाजपा नेता भागीरथी मांझी, बलदेव सिंह हुंदल, मुरलीधर सिन्हा, पारस ठाकुर, भाजपा मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र सोनटेके, महामंत्री धनंजय नेताम, छुरा नपा अध्यक्ष खोमन चंद्राकर, जनपद अध्यक्ष तोकेश्वरी मांझी, लालिमा ठाकुर, जप उपाध्यक्ष प्रवीण यादव, पार्षद विष्णु मरकाम, नेहरू साहू, भीम साहू सहित भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।

"छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़" के लिए किरीट ठक्कर की रिपोर्ट
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किरीट ठक्कर "छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़" संवाददाता

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