सबसे बड़ी कलश यात्रा की तैयारियां जोरो पर

* सबसे बड़ी कलश यात्रा तैयारियां जोरो पर…
* दिव्य श्री राम कथा भव्य कलश यात्रा की तैयारी…    जामुल: जामुल मे होने जा रहे दिव्य राम कथा श्रीमद्जगतगुरु रामानुजाचार्य श्री स्वामी डॉ. राघवाचार्य जी महाराज, अधिष्ठाता, श्री रामलला सेवा सदन, अयोध्या के श्री मुख से होने जा रहे बहुत ही दिव्य श्री राम कथा के भव्य कलश यात्रा की तैयारिया जोरो पर है, जहां एक ओर माताओं के कलश धारण करने हेतु आयोजन समिति के सदस्य घर-घर पहुंच कर पंजीयन का कार्य कर रहे हैं वहीं दुर्ग जिले के चार स्थानों पाटन , कोड़िया , नंदकट्ठी ,रवेलीडीह इत्यादि में कलशों का निर्माण कार्य भी बहुत तेजी से किया जा रहा है।

यह विदित हो कि 29 दिसंबर 2025 से 6 जनवरी 2026 तक अविरल प्रवाहित होने वाली श्री राम कथा के पूर्व 28 दिसम्बर दिन रविवार को 11,111 ( ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह) माताओं द्वारा भव्य कलश यात्रा निकली जाएगी जिसके लिए विभिन्न वाद्य यंत्रों की टोली भी तैयार की जा रही है, साथ ही रथ व पुष्प वर्षा की तैयारियां भी जोरो पर है।

शुभ कार्य में कलश: किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में कलश यात्रा का महत्व बहुत गहरा है, क्योंकि यह समृद्धि, ऊर्जा और शुभता का प्रतीक है। यह यात्रा दैवीय शक्तियों को आमंत्रित करती है, अनुष्ठान स्थल को पवित्र करती है, और भक्तों की आस्था और एकता को बढ़ाती है। कलश को सृष्टि, ऊर्जा और जीवन जल का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इसकी पूजा से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी बाधाएं दूर होती हैं।

सनातन संस्कृति व धार्मिक अनुष्ठानों में कलश का अपना विशेष महत्व है श्री राम कथा में कलश धारण करने वाली माताओं बहनों को भीं इसके महत्व का ऐहसास होगा, कलश धारण करने वाली माताओं को कलश यात्रा के दिन सुबह 9 बजे कथा स्थल पर उपस्थिति होना है।

जहां सुबह 10 बजे से माताओं का पंजीयन ID card जांच कर कथा पंडाल के पूजन स्थल में बिठाया जाएगा। सभी माताओं को कलश व संपूर्ण पूजन सामाग्री ( कलश, नारियल, आम्र पत्र, मौली धागा, कुमकुम चंदन, गुलाल , अक्षत पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, सर्वतीर्थ जल इत्यादि) निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा।

मंच से विद्वान आचार्यों द्वारा वैदिक रीति के अनुसार सभी माताओं को उनकी मंगल मनोकामनाओं को उच्चारित करते हुए माताओं को संकल्प दिलाया जाएगा। जिसके पश्चात् विधि विधान से कलश में भगवान विष्णु, रुद्र ( शिव) , ब्रह्म जी , चारों वेद, सर्व तीर्थ, सप्त नदियां, सप्त सागर सहित समस्त देवी देवताओं को आवाहित कर कलश पूजन किया जाएगा।

कलश पूजन पश्चात सुबह 11 बजे से माताएं कलश धारण कर नगर भ्रमण करेंगी और फिर पुनः कथा स्थल पहुंचेंगी जहां निश्चित स्थान पर कलश को स्थापित किया जाएगा। नौ दिनों तक कलश को श्री राम रक्षा स्तोत्र व अन्य दिव्य मंत्रों से अभिमंत्रित किया जाएगा। नव दिवसीय कथा अनुष्ठान विराम पश्चात दिव्य अभिमंत्रित कलशों को माताओं को प्रसाद स्वरूप निःशुल्क प्रदान किया जाएगा।

कलश धारण करने हेतु माताओं को आयोजन समिति के पास पहले ही पंजीयन कराना होगा, जिन माताओं का पंजीयन होगा वो ही कलश धारण करने हेतु पात्र होगी, पंजीयन निःशुल्क है कलश यात्रा के दिन माताओं को पीला साड़ी पहनना अनिवार्य है।

कलश एवं पूजन सामाग्री आयोजन समिति द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा । कलश धारण करने हेतु राहुल निर्मलकर 9893213226, विकास मिश्रा 9399086470, रूपेश यादव 8319869606, धीरज निर्मलकर 8109184790 में संपर्क कर निःशुल्क पंजीयन करा सकते हैं, यह जानकारी आयोजक ईश्वर उपाध्याय ने दी है।

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