गरियाबंद : शासकीय राजीव लोचन स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजिम के भौतिक शास्त्र परिषद द्वारा विभिन्न क्रियात्मक गतिविधियों के साथ राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस उत्साह पूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था प्रमुख डॉ. सी. एल. देवांगन ने मां सरस्वती के द्विप प्रज्वलन से किया। उर्जा सरंक्षण विषय पर भाषण के लिए आमंत्रित बीएससी तृतीय वर्ष के विद्यार्थी छबि साहू, देवनारायण ध्रुव ने ऊर्जा संरक्षण के लिए ग्रामीण स्तर पर व्यापक सोच व जागरूकता लाने पर जोर दिया।
बैटरी चालित वाहनों का अधिक प्रयोग किया जाना जरूरी बताया। बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा तनु साहू और छात्र कुलदीप भारती ने सौर ऊर्जा के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि सूर्य से आने वाली तरंगों का समुचित दोहन व संरक्षण करने से ऊर्जा संरक्षण प्रभावी रूप से हमारे समक्ष होगा। डॉ. देवेंद्र देवांगन ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि पृथ्वी में अनेक तत्व व पदार्थ पाए जाते हैं, जिनसे ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है। पेट्रोलियम पदार्थों का न्यूनतम दोहन जरूरी है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए ऊर्जा का रूपांतरण होना आवश्यक है। भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गोवर्धन यदु ने बताया कि सूर्य से एक्स किरण, गामा किरण, पराबैगनी किरण, दृश्य किरण, और अवरक्त व रेडियो तरंगे आती है। जिसमें से हम केवल दो प्रतिशत तरंगों का ही पूर्ण उपयोग कर पाते हैं। शासन को ग्रामीण स्तरों पर ऐसी तकनीकी व उपकरण उपलब्ध कराने चाहिए जिससे सौर ऊर्जा का समुचित उपयोग कर सामान्य जनमानस की उर्जा आवश्यकता को आसानी से पूरा किया जा सके।
उर्जा ना तो कभी नष्ट होती है ना उत्पन्न, ऊर्जा के रूपांतरण की क्रियाविधि से ऊर्जा संरक्षण प्रयास को सफल बनाया जा सकता है। बीएससी के विद्यार्थियों द्वारा पोस्टर बनाकर ऊर्जा संरक्षण के लिए जागरूक किया गया, साथ ही बीएससी के विद्यार्थी कुलदीप भारती ने हेलीकॉप्टर हाउस, दिव्या पटेल ने सेटेलाइट संचार, तारणी और रेश्मा ने पवन चक्की, पायल पारधी ने सीमांत कृषि तकनीक, गुंजा साहू ने पहाड़ी इलाकों में सर्पीलाकर मार्गो पर ट्रैफिक सिग्नल, छवि साहू ने मेडिकल इमरजेंसी तकनीक, तनु साहू ने सोलर पैनल, वेणु तिवारी ने पवनचक्की, नेहा दुबे ने संवेग रूपांतरण, कमल और तुकेश्वर ने उर्जा के नवीनतम श्रोतो पर मॉडल तैयार कर सभी प्राध्यापकों को अपने मॉडलों से संबंधित जानकारी प्रभावी तरीके से बताया और ऊर्जा संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों को प्रदर्शित करने का कार्य भी किया।
मॉडलों का निरीक्षण प्रभारी प्राचार्य प्रो. एम. एल. वर्मा के नेतृत्व में एवं प्राध्यापक डॉ. समीक्षा चंद्राकर, आकाश बाघमारे, मुकेश कुर्रे, तामेश्वर मारकंडे, खोमन साहू, आलोक हिरवानी के द्वारा किया गया और सभी प्राध्यापकों ने मॉडलों की बहुत प्रशंसा की। कार्यक्रम को सफल रुप से संचालित करने में भौतिकी विभाग के दुर्योधन निषाद, वाणी चन्द्राकार और भौतिक शास्त्र परिषद के विद्यार्थियो का सक्रिय एवं बहुमूल्य योगदान रहा।