दुर्ग: जिले में कृषक उत्पादक संगठन का गठन एवं संवर्धन हेतु जिला स्तरीय निगरानी समिति की प्रथम बैठक आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित की गई। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में कृषक उत्पादक संगठन के गठन, योजना के लक्ष्य एवं उद्देश्य, कृषक उत्पादक संगठनों का पंजीयन, मुख्य गतिविधियां, क्रियान्वयन एजेंसी, कलस्टर आधारित व्यापार संगठन, योजना अंतर्गत फण्ड का उपभोग, कृषक उत्पादक संगठनों के प्रबंधन पर लागत, ईक्विटी ग्राण्ट तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम आदि के संबंध में चर्चा की गई।
बैठक में बताया गया कि कृषक उत्पादक संगठन किसानों के समूह द्वारा सहकारी समिति अधिनियम अथवा कंपनी अधिनियम के भाग 9ए के तहत गठित एक निगमित/पंजीकृत निकाय है, जिसके अंतर्गत किसान, संगठन का भी हिस्सेदार है। यह सभी प्रकार की कृषि गतिविधियों जैसे कि एग्री इनपुट, प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन, मार्केट लिंकेज, क्रेडिट लिंकेज, तकनीक आदि का उपयोग, एफपीओ के सदस्यों को लाभ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कार्य करता है।
देश में 10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठनों का गठन, आकांक्षी जिलों में कुल लक्षित कृषक उत्पादक संगठनों के न्यूनतम 15 प्रतिशत एफपीओस का गठन एवं प्रत्येक विकासखण्डों में कम से कम एक एफपीओ का गठन योजना का उद्देश्य है। आगामी माह के 11 से 13 तारीख तक नाबार्ड का एफपीओ मेला प्रस्तावित है। बैठक में सी.सी.बी., कृषि, उद्यानिकी एवं मत्स्य विभाग से कृषक सदस्यों के संबंध में सुझाव आमंत्रित किये गये। बैठक में सहायक कलेक्टर श्री एम. भार्गव, जिला पंचायत के सीईओ श्री अश्वनी देवांगन, सी.सी.बी. के सीईओ श्री चन्द्राकर, सभी जनपद सीईओ एवं जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी उपस्थित थे।