बादल दुबे/कोरबा: छत्तीसगढ़ राज्य अंतर्गत कोरबा जिला में RTi सूचना के अधिकार के तहत जानकारी पाना टेढ़ी खीर हो गया है।
आम जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों को सुरक्षित बनाने और सरकारी विभागों को और ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए बनाए गए इस कानून को जबरिया तौर तरीकों से बाधित किए जाने के कई मामले सामने आ रहे हैं।
कोरबा जिला प्रशासन के कई विभाग जानकारी मांगने वाले से ही सवाल कर रहे हैं।कई मामलों में नियम कायदों का हवाला देकर सूचना नही दी जा रही है।साथ ही साथ कई मामलों में भ्रामक जानकारी देकर गुमराह किया जा रहा है! ताकि सही जानकारी आवेदक को न मिल सके!
सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी को लेकर टाल मटोल का ही नतीजा है।की जनवरी 2016 से जनवरी 2022 तक राज्य सूचना आयोग को लगभग 1500 से ऊपर शिकायतें प्राप्त हुई थी।जबकि पहले ही लगभग 1421 शिकायतें लम्बित है।
इससे पहले 2015 में 1000 से अधिक शिकायतें आई थी।प्रदेश तथा कोरबा जिला में RTi कानून के अंतर्गत जवाब देने में सरकारी विभाग किस तरह से आनाकानी कर रहे हैं।यह आंकड़े खुद बता रहे हैं।
RTi एक्टिविस्ट जितेंद्र साहू जी ने बताया कि सर्वाधिक मुश्किल कोरबा जिला में हो रहा है।खासकर शिक्षा विभाग में कोई भी जानकारी आसानी से नही दी जा रही है।नतीजा यह होता है।जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रथम फिर द्वितीय अपील में उलझना पड़ रहा है!इससे एक लंबा समय तथाकथित कर्मचारियों, अधिकारियों को मिल जाता है!ताकि Rti से जानकारी देने!अथवा किसी प्रकार की कार्यवाही से बचने का तरीका या फार्मूला निकाल सके..!
अब देखना यह हैन कि जिला प्रशासन की छवि खराब करने वाले जिला शिक्षा विभाग को जिला प्रशासन कोरबा जो अपने निष्पक्ष कार्य प्रणाली,जनहित में त्वरित निष्पक्ष कार्यवाही,के साथ शुशासन,प्रशासन के लिए जानी जाती है। शिक्षा विभाग कोरबा की इस अड़यल रवैये पर लगाम कब तक लगा पाता है।