डॉ. बिजेन्द सिन्हा जी का संपादकीय लेख “बढ़े वैवाहिक खर्च को रोकने की जरुरत”।

छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़ :  भारतीय समाज में विवाह महत्वपूर्ण संस्कार है लेकिन आजकल यह सादगीपूर्ण संस्कार फिजूल खर्ची दिखावा और प्रतिष्ठा का मापदंड बनते जा रहा है। इसका दुष्प्रभाव पूरे समाज पर पड़ रहा है।विवाह में आधुनिक भोज पार्टियों के कथित बफे सिस्टम में अन्न की बहुत बर्बादी होती है। यह व्यवस्था विवाह का हिस्सा बनते जा रहे है जो वैवाहिक खर्च का बड़ा कारण है। ऐसी व्यवस्थाओं को बदलने की जरुरत है। वैवाहिक खर्च अभिशाप बन गया है। फलस्वरूप आम आदमी का जीवन तो शादी का कर्ज चुकाने तक सिमट जाता है। अतः हर स्तर पर वैवाहिक खर्च की सीमाबन्दी होनी चाहिए। दिखावे एवं फिजूल खर्ची के विरूद्ध समाज में सुधारात्मक आन्दोलन की जरूरत है।

आपका शुभचिंतक
Bijendra sinha.

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