राजनांदगांव : जिला शिक्षा अधिकारी आर.एल.ठाकुर ने जिले के प्राचार्य, बीईओ, बीआरसी, की विभागीय समीक्षा बैठक में जानकारी देते हुये कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी शैक्षणिक पाठ्यक्रम एवं आंकलन की प्रक्रिया के अन्तर्गत शिक्षकों की क्षमता संवर्धन के साथ व्यापक मूल्यांकन तथा गतिविधि आधारित शिक्षण प्रक्रिया को अपनाया गया है।इस हेतु शिक्षण प्रक्रिया के प्रभावी क्रियान्वयन एवं सफल संचालन हेतु शासन द्वारा जारी दिशा निर्देश तदानुसार शालाओं में क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जावे l
प्रार्थना सभा – प्रार्थना सभा का आयोजन निर्धारित समयावधि 9.45 बजे से राज्य गीत से शुरू किया जावें। विद्यार्थियों द्वारा प्रार्थना के बाद नैतिक या प्रेरक कहानी सुनाई जावें, राष्ट्रगान के साथ प्रार्थना सभा का समापन किया जावें। आंकलन एवं ग्रेडिंग सिस्टम – पूरे सत्र में 6 मासिक आंकलन के अतिरिक्त त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक, वार्षिक आंकलन किया जायेगा। कार्य पत्रकों को भलिभांति जॉंच कर फाईल संधारित करते हुए प्रत्येक बच्चे का पोर्टफोलियों बनाया जावें।
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा निर्मित ब्लूप्रिंट के आधार पर कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए आंकलन किया जायेगा।बहुआयामी प्रगति पत्रक – पाठ्यक्रमीय उद्देश्यों के मूल्यांकन की विविध उपलब्धि स्तर के परिणामों का उपयोग करते हुए अधिगम उद्देश्यों के उपलब्धि स्तर के आधार पर समस्त प्रयोजना, कार्यो के अंको को जोड़कर केवल ग्रेड भरा जायेगा। विद्यालयीन समय-सारिणी – विद्यालय के कार्यो को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए समय सारिणी अनुसार विद्यालय का सम्पूर्ण शिक्षण कार्य संचालित किया जावे।
एक पाली में संचालित शालाएं (सोमवार से शुक्रवार तक) कक्षा पहली से आठवीं तथा कक्षा 9वीं से 12 तक (9.45 से 4.00 बजे तक), दो पाली में संचालित समस्त शालाएं कक्षा 6वीं से 8वीं (सोमवार से शुक्रवार) 7.30 बजे से 11.45 बजे तथा कक्षा 11वीं/12वीं दोपहर 12.00 बजे से 5.00 बजे तक संचालित होगी।शनिवार की गतिविधियां – प्रत्येक शनिवार को (कक्षा 1 से 8) बस्ता रहित दिवस (बैगलेस डे) की अवधारणा लाई गई है।
गतिविधियों को शाला कैलेण्डर के अनुसार कराया जाना सुनिश्चित करें। इन गतिविधियों में व्यायाम, योग क्रीड़ा प्रतियोगिता, साहित्यिक गतिविधियां कराया जायेगा। शिक्षक डायरी – कक्षा शिक्षण के पूर्व प्रत्येक शिक्षक से अपेक्षा की जाती है, कि पढ़ाये जाने वाले पाठ, अध्यापन की समुचित तैयारी, अध्ययन किये जाने वाले विषयवस्तु बिन्दुओं का दिवसवार निर्धारण कर पालन करें।अकादमिक अवलोकन हेतु निर्धारित लक्ष्य – प्रत्येक विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण अधिगम और शिक्षण को सुनिश्चित करते हुए विद्यार्थी और शिक्षकों की बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार करने हेतु जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय विभागीय अमला अकादमिक अवलोकन सुनिश्चित करेंगे।
अधिकारियों की अकादमिक भूमिका – अपने अधीनस्थ स्कूलों की सतत् मॉनिटरिंग करना, शाला की अकादमिक वस्तुस्थिति की समीक्षा कर आवश्यकतानुसार मार्गदर्शन देना एवं समस्या का निराकरण करना तथा जिले को फीडबैक देना।पाठ्यक्रम पूर्णता लक्ष्य – शासन द्वारा निर्धारित माहवार लक्ष्य अनुसार पाठयक्रम पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित करायेगें। उपचारात्मक शिक्षण – विद्यालयीन शिक्षा में प्रत्येक कक्षा में कुछ बच्चे अपनी कक्षा के शैक्षणिक स्तर से पीछे की कक्षा के स्तर पर होते है अथवा अपनी कक्षा में अपेक्षित शैक्षिक स्तर से न्यून स्तर पर होते है।
प्रत्येक नये शैक्षणिक सत्र में यह देखा जाता है कि कुछ बच्चे अपनी पिछली कक्षाओं के शैक्षिक स्तर को पूरी तरह प्राप्त नहीं कर पाते है, जब बच्चे पुनःआगामी कक्षाओं में आते है तो बच्चे कुछ दक्षताओं को भूल जाते है। उपचारात्मक शिक्षण हेतु कैलेण्डर में नमूना प्रति दी गई है, तद्नुसार उपचारात्मक शिक्षण सुनिश्चित करें।प्रश्न बैंक – राज्य शैक्षिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान परिषद, रायपुर द्वारा कक्षा 1लीं से 8वीं तक प्रश्न बैंक का निर्माण किया गया है, निर्मित प्रश्न ब्लूपिंट आधारित है। ब्लूपिंट में कक्षा अनुरूप वस्तुनिष्ठ, लघुत्तरीय, दीर्घउत्तरीय प्रश्नों का समावेश किया गया है। प्रश्न बैंक में प्रश्न लर्निंग आउटकम पर आधारित हैं, प्रश्न बैंक का उपयोग मासिक आंकलन हेतु किया जा सकता है।
उपरोक्तानुसार पाठयक्रम एवं सीखने के प्रतिफल के अनुसार शिक्षक योजना का नियोजन करते हुए कक्षा शिक्षण प्रक्रिया में योजना अनुसार कार्य करवाया जाना सुनिश्चित करें।
इस बैठक में जिला मिशन समन्वयक,श्रीमती रश्मि सिंह,सहायक परियोजना अधिकारी पी.सी. मरकले , एपीसी सतीश ब्यौहरे एवम् एपीसी एम.आर.अंसारी उपस्थित रहे।
“छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़” के लिए राजनांदगांव से दीपक साहू की रिपोर्ट