राजनांदगांव : नगर निगम के पूर्व सभापति शिव वर्मा ने बताया कि निगम सलाहकार समिति सिर्फ कागजों पर। उन्होंने कहा कि नया परिषद गठन के बाद 10 विभागीय समितियों का गठन विभाग वार किया जाता है जिसमें सभी समितियों में विभाग के अधिकारी सचिव होते हैं तथा इस समितियों में प्रभारी चेयरमैन की अध्यक्षता में सदस्यों का गठन किया जाता हैं। तो समय-समय पर आयोजित कीये गए बैठक में विभाग की समीक्षा तथा सुझाव दिया जाएगा।
महापौर परिषद के द्वारा एमआईसी का गठन किया गया है तथा महापौर के द्वारा अलग-अलग विभाग बनाकर कार्य करने के लिए समितियों का गठन किया जाता है, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग, विधि एवं सामान्य प्रशासन विभाग, महिला बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, जल विभाग, बाजार विभाग, राजस्व विभाग, पुनर्वास तथा नियोजन विभाग, आवास पर्यावरण एवं लोक निर्माण विभाग, तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का गठन किया गया है।
बनाए गए समिति में पक्ष विपक्ष के पार्षद सदस्य मनोनीत होते हैं। जो समय-समय पर होने वाली विभाग की बैठक में अपने विचार विमर्श चर्चा एवं सुझाव दिया जाता है। जिससे विभाग में कसावट एवं समय सीमा में कार्य को करने के लिए विभागीय समिति की बैठक होना आवश्यक है।
परंतु यह दुर्भाग्य है कि निगम एक्ट को दरकिनार कर तथा नियम कानून को तक पर ररवा कर विभागीय समिति का बैठक आज दिनांक तक नहीं बुलाया गया है। इसकी चिंता ना तो निगम प्रशासन को है और ना महापौर को । सिर्फ विभागीय समिति बना है। उसका बैठक करना उचित नहीं समझ रहे हैं। शिव वर्मा ने कहा कि निगम अध्यक्ष के द्वारा जारी किया गया विभागीय सलाहकार समिति सिर्फ खानापूर्ति है।