दीपक साहू, राजनांदगांव : जिला पंचायत सदस्य व भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेश श्यामकर आज बसंतपुर में स्थित जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया जिसमें मरीजों के परिजनों ने बताया कि मरीज को ले जाने वाले स्ट्रक्चर व व्हीलचेयर भी टूटा हुआ है। जिला चिकित्सालय अस्पताल में अव्यवस्था का आलम है। जिसके वजह से मरीजों को दोहरी मार पड़ रही है उन्होंने अपने जारी एक बयान में कहा कि शहर सहित जिलों में प्राइवेट अस्पतालों के द्वारा मरीजों से अनाप-शनाप बिल देकर परेशान किया जा रहा है जिसे लेकर विभाग स्वास्थ्य विभाग मौन है।
शहर में जितने भी प्राइवेट अस्पताल संचालित है। जिसमें ज्यादातर मरीज वहां पहुंचते हैं तो उन्हें सुविधा तो मिलता है लेकिन मरीजों से आयुष्मान कार्ड का थोड़ा बहुत पैसा लेते हैं बाकी पैसा नगद जमा करवाते हैं जबकि आयुष्मान कार्ड का मरीजों को लाभ नहीं मिल रहा है। ग्रामीण क्षेत्र से जो लोग आते हैं वह ज्यादातर परेशान रहते हैं। यदि मरीज को सरकारी अस्पताल से रेफर करना है तो उसके सामने सिर्फ प्राइवेट अस्पताल और सरकारी अस्पताल में भीड़ इतनी ज्यादा है कि परिजन सोच में पड़ जाते हैं कि वहां पर इलाज मिलेगा कि नहीं।
आखिर में वे प्राइवेट अस्पताल का रास्ता चुनते हैं। वहां इलाज मिलता है और उसकी पूरी कीमत भी चुकानी होती है।कई बार यह खर्च मरीज की हैसियत से ज्यादा और इतना मनमाना होता है कि विवाद भी होते हैं। प्रशासन या सरकार के पास ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे मनमर्जी के रेट पर लगाम कसी जा सके। इसका फायदा प्राइवेट अस्पताल उठा रहे हैं। जबकि कि सरकारी अस्पतालों के मुकाबले प्राइवेट अस्पताल औसतन चार गुना ज्यादा खर्च पर इलाज देते हैं।
श्री श्यामकर ने आगे कहा कि पूर्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में डॉ रमन सिंह के द्वारा राजनांदगांव शहर में मेडिकल कॉलेज बनाया गया। यह मेडिकल कॉलेज शहर सहित जिले वासियों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। लेकिन अभी पिछले 4 वर्षों से कांग्रेस के भूपेश बघेल सरकार में हैं। उनके द्वारा भेंट मुलाकात कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें हाल ही में राजनांदगांव शहर में भेट मुलाकात के दौरान सरकारी अस्पतालों मे अच्छी सुविधा नहीं मिलना और डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। जिसका पूरा फायदा शहर में संचालित प्राइवेट अस्पताल उठा रहे हैं।
शहर सहित जिले में तेजी से प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम खुल रहे हैं। जिसमें से ज्यादातर अस्पताल व नर्सिंग होम स्वास्थ्य विभाग के गाइडलाइन की अनदेखी कर संचालित हो रहे है। ऐसे कई प्राइवेट हॉस्पिटल, नर्सिग होम और क्लिनिक हैं, जहां मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है। इसके बाद भी उनका संचालन हो रहा है। राजेश श्यामकर ने सरकार और जिला प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि ऐसे जितने भी प्राइवेट अस्पताल संचालित है।
उन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए और साथ ही साथ सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त सुविधा मरीजों को दी जाए। और स्वास्थ्य विभाग इस ओर ध्यान देते हुए जितने भी प्राइवेट अस्पताल संचालित है। उसमें मरीजों का आसानी से इलाज हो सके और ज्यादा बिल वसूल ना किया जाए। इसके लिए समय-समय पर कार्यवाही किया जाना चाहिए। जिसमें आयुष्मान कार्ड योजना का लाभ सभी प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को मिलना चाहिए।