ट्रांसफर की उठी मांग — 50-60 हजार में पद बिकने के आरोप, पुराने ऑपरेटरों की अनदेख
शशिकांत सनसनी खैरागढ़ छत्तीसगढ़
जिले में आधार सेवा संचालन को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। E-DM (ई-डिजिटल मैनेजर) पर आधार ऑपरेटरों की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार, पद बेचने और पारदर्शिता की कमी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मंगलवार को जिले के सभी आधार ऑपरेटरों ने कलेक्टर को सामूहिक आवेदन सौंपकर ई-डीएम को तत्काल स्थानांतरित करने की मांग की।
क्या हैं आरोप?

ऑपरेटरों ने आवेदन में लिखा है कि यूआईडीएआई के इनहाउस मॉडल के तहत आई नई आधार किटों का वितरण पूरी तरह अपारदर्शी और मनमाना रहा।
22 अनुभवी और लंबे समय से कार्यरत ऑपरेटरों को नजरअंदाज कर दिया गया।
10 नई मशीनें ऐसे लोगों को दी गईं जिनका चयन प्रक्रिया संदिग्ध है।
आरोप है कि 50,000 से 60,000 रुपये लेकर पद बांटे गए और कुछ मशीनें ‘सैटिंग’ के तहत पहले ही बांटी जा चुकी थीं।
बिचौलियों के ज़रिए सौदेबाज़ी
ऑपरेटरों का कहना है कि कुछ लोगों को बिचौलियों के माध्यम से कॉल कर ऑफर दिया गया। वहीं पुराने ऑपरेटरों को कोई सूचना या अवसर नहीं मिला।
ई-डीएम पर अमर्यादित व्यवहार के आरोप
शिकायत में यह भी कहा गया है कि:
ई-डीएम का व्यवहार अशोभनीय और अपमानजनक है।
सवाल पूछने पर ऑपरेटरों को डांटकर कार्यालय से बाहर निकालने की धमकी दी जाती है।
मशीनों में तकनीकी दिक्कत आने पर कोई मदद नहीं मिलती।
कलेक्टर कार्यालय में पद रिक्त, लेकिन नियुक्ति नहीं
ऑपरेटरों ने बताया कि जनवरी 2025 से कलेक्टर परिसर में आधार संचालन का एक पद रिक्त पड़ा है, लेकिन अब तक कोई नियुक्ति नहीं की गई। इससे सरकारी कार्य प्रभावित हो रहा है और बेरोजगार ऑपरेटर आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं।
दर्जनों ऑपरेटरों ने लगाए हस्ताक्षर
ज्ञापन में दर्जनों आधार ऑपरेटरों ने हस्ताक्षर कर कहा है कि:
> “हमारे पास जीविका का कोई अन्य साधन नहीं है। ई-डीएम की मनमानी और भ्रष्ट व्यवस्था ने हमारे जीवन को संकट में डाल दिया है।”
ज्ञापन देने वालों में शामिल
दिलीप वर्मा, मनोज साहू, नरेश पाल, कुंभकरण साहू, नंदू साहू, आशीष, दिलीप मंडल, प्रदीप निर्मलकर, पारस, रिपुसूदन साहू, यशवंत वर्मा, देवकरण वर्मा समेत कई अन्य।




