(1 मई) बोरे-बासी दिवस : छत्तीसगढ़ राज्य का पारंपरिक भोजन बोरे-बासी है। यह भोजन विटामिन से भरपूर होने के साथ सेहतमंद भी है। पूरी दुनिया में 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है, और इसी दिन आज छत्तीसगढ़ राज्य में बोरे बासी दिवस मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य का व्यंजन बोरे बासी एक छत्तीसगढ़िया ब्रांड के रूप में विकसित हो रहा है। साल 2022 से 1 मई को बोरे बासी दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी। जिसके बाद से छत्तीसगढ़ राज्य में नेता, अभिनेता, आम लोग से खास लोग सभी इस दिन बोरे बासी खाने लगे। बोरे बासी में भरपूर कैल्शियम, विटामिन बी 12, पोटेशियम सहित अनेक पौष्टिक गुण के साथ हृदय रोग, स्किन रोग, डायरिया सहित अनेक रोगों से लड़ने की क्षमता है। इसके साथ ही इसे खाने के और भी बहुत फायदे हैं। और आज हम आपको बोरे-बासी खाने के फायदों के बारे में बताएंगे।
कुछ लोग बोरे और बासी को एक जैसा ही समझते हैं, लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है। बोरे और बासी में बहुत बड़ा अंतर है। रात को खाना-खाने के बाद बचे हुए चावल को पानी में डूबाकर रखा जाता है फिर उसे सुबह में खाया जाता है, उसे बासी कहते हैं। वहीं रात में चावल बनाकर उसे ठंडा करने के बाद पानी में डालकर खाते हैं तो उसे बोरे कहते हैं। अब आप समझ गए होंगे की बोरे और बासी में कितना बड़ा अंतर है।
बोरे बासी खाने के क्या फायदे?
- बोरे-बासी (sacks and stale) में पानी की भरपूर मात्रा होती है। गर्मी के दिनों में इसका सेवन करने से शरीर ठंडा रहता है। इसके साथ ही इसे खाने से लू भी नहीं लगती है।
- अगर बासी का सेवन किया जाए तो पथरी की समस्या होने से भी बचा जा सकता है। और चेहरे में ताजगी, शरीर में स्फूर्ति रहती है। बासी के साथ माड़ और पानी से मांसपेशियों को पोषण भी मिलता है।
- ये उच्च रक्तचाप (high blood pressure) नियंत्रित करता है, पाचन क्रिया में मदद मिलता है। कब्ज या गैस की समस्या वाले लोगों के लिए यह बेहद फायदेमंद है।
- बासी खाने से मोटापे की समस्या दूर होती है। जिसके साथ ही इसके सेवन करने से अनिद्रा की बीमारी नहीं होती है।
- बोरे बासी में विटामिंस, आयरन, पोटेशियम, कार्बाेहाइड्रेट, कैल्शियम, मुख्य रूप से विटामिन बी-12, खनिज लवण जैसे पोषक तत्व पाए जाते है।
- ताजे बने चावल की अपेक्षा इसमें करीब 60 फीसदी कैलोरीज़ ज्यादा होती है।
बासी कैसे बनाते हैं?
बासी बनाने की रेसिपी बहुत सरल है। बासी बनाने के लिए पका हुआ चावल और पानी की जरूरत पड़ती है। चावल को रात में पकाकर उसे ठंडा करने के बाद कांसे अथवा मिट्टी के बर्तन में पानी में डुबाकर रखा जाता है। इसके बाद सुबह हरी मिर्च, नमक, टमाटर की चटनी, प्याज के साथ इसका खाया जाता है।