रायपुर : राजीव भवन में जुटेगी 310 सदस्यीय टीम, मुख्यमंत्री भूपेश भी होंगे शामिल राहुल को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने प्रस्ताव पेश होगा कांग्रेस डेलिगेट्स की यह बैठक महज औपचारिक है। इस बैठक में जहां पीसीसी अध्यक्ष तय करने के लिए हाई कमान को अधिकारद देने का प्रस्ताव रखा जाएगा वहीं राहुल गांधी को एआईसीसी अध्यक्ष बनाने का प्रस्वाव भी पारित किया जाएगा।
रायपुर : प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के नए अध्यक्ष का नाम तय करने के लिए रविवार को पीसीसी डेलीगेट (सदस्य) की बैठक हुई। एक दिन पहले जारी डेलीगेट की सूची में 310 सदस्य हैं। प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में होने वाली बैठक में प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, प्रभारी सचिव डा. चंदन यादव, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित सभी सदस्य शामिल हुए। बैठक में पीसीसी अध्यक्ष और एआइसीसी डेलीगेट को अधिकृत किया गया। वहीं राहुल गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पेश किया।
पीसीसी डेलीगेट की बैठक में शामिल होने के लिए प्रदेश प्रभारी पुनिया और प्रभारी सचिव डा. यादव कल रायपुर पहुंचे। पुनिया इस दौरान वे रविवार को डेलीगेट की बैठक के बाद अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जाकर बूथ और ब्लाक स्तर के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे। आलाकमान को सौंपा गया अधिकार : पार्टी के नेताओं के अनुसार पार्टी की परंपरा के अनुसार रविवार को होने वाली डेलीगेट की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया। यह प्रस्ताव अध्यक्ष का नाम तय करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को अधिकृत किया गया।
टिकट के समय करेंगे समीक्षा : विधायकों के कामकाज की समीक्षा को लेकर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में पुनिया ने कहा कि सभी से चर्चा होती रहती है। जनता की तरफ से बताई जाने वाली कमियों से भी उन्हें अवगत कराया जाता है। वो अपना सुधार कर रहे हैं। अभी तो काफी समय है जब टिकट देने का समय आएगा तब समीक्षा की जाएगी।
कई कांग्रेसियों का पत्ता साफ डेलीगेट्स में, बढ़ेगा असंतोष : छत्तीसगढ़ में भारी भरकम बहुमत से सत्ता में बैठे हैं कांग्रेसी, इस वजह से हर कोई सत्ता नहीं तो कम से कम संगठन से तो जुड़े रहना ही चाहते हैं। यही वजह है की जो कांग्रेसी संगठन से बाहर कर दिए गए हैं, वे उछल कूद तो मचाएंगे ही। एक कांग्रेसी ने कहा की बाप दादाओं ने कांग्रेस के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया अब जब पद देने की बारी आई तो नए नवेले और पैसे वालो को तवज्जो दी गई। कई वरिष्ठ कांग्रेसी नई कार्यकारिणी से खफा हैं साथ ही यह भी कह रहे हैं की ये सब लेनदेन कर नियुक्ति दी गई है।