गरीबों को बेघर करने पर आमादा भाजपा सरकार: निखिल द्विवेदी
लखोली अटल आवास के 200 परिवारों का फूटा गुस्सा, निगम के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन
राजनांदगांव : भाजपा शासित नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ मंगलवार को लखोली अटल आवास में जबरदस्त आक्रोश फूट पड़ा। करीब 200 गरीब परिवारों को बेघर करने की तैयारी के विरोध में महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं ने सड़क पर उतरकर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। निगम ने 18 नवंबर 2025 को नोटिस चस्पा कर 7 दिन के भीतर मकान खाली करने का फरमान सुनाया था। नोटिस में साफ चेतावनी दी गई है कि तय समय में मकान खाली न करने पर बल प्रयोग कर हटाया जाएगा।
रहवासियों ने बताया कि शुरू में आवास की कीमत ₹75,000 तय की गई थी, लेकिन अब निगम ने इसे बढ़ाकर ₹2,75,000 कर दिया है। साथ ही पूरी राशि एकमुश्त जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा है। गरीब परिवार इतने पैसे देने की स्थिति में नहीं हैं, ऊपर से निगम उन्हें बैंक से फाइनेंस लेने को मजबूर कर रहा है जहाँ ब्याज सहित रकम दोगुने से भी ज्यादा हो जाएगी। लोगों का कहना है कि यह योजनाबद्ध तरीके से गरीबों पर आर्थिक हमला है।
इसी अन्याय के खिलाफ अटल आवास के नागरिकों ने युवा कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव निखिल द्विवेदी प्रदेश मीडिया पैनलिस्ट अभिमन्यु मिश्रा, कांग्रेस दक्षिण ब्लॉक मंडल अध्यक्ष संदीप सोनी, दीनू सोनकर, दीपक सोनकर, युगल साहू, मोहित कोचरे समेत वार्डवासियों के साथ मिलकर ई.ई. दीपक खांडे को ज्ञापन सौंपा।
निखिल द्विवेदी ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह साबित हो गया है कि भाजपा झूठे वादों और छल के सहारे चुनाव जीतती है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले महापौर मधुसूदन यादव ने वादा किया था कि जीतने पर आवास की कीमत 75,000 तय की जाएगी या बातचीत कर मुफ्त भी कराया जा सकता है। लेकिन जीतते ही महापौर पीछे हट गए और अब गरीबों पर बेदखली का खतरा मंडरा रहा है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि एक तरफ भाजपा सरकार शहर को झोपड़पट्टी मुक्त करने की बात करती है, जबकि दूसरी तरफ गरीबों के सिर से छत छीनकर उन्हें वापस झोपड़पट्टियों में धकेल रही है। यह गरीब विरोधी, अमानवीय और क्रूर नीति है। निखिल ने कहा कि सोमवार की मेयर मधुसूदन के घर का घेराव किया जाएगा। वही रहवासियों ने साफ कहा कि वे किसी भी हाल में अपना घर खाली नहीं करेंगे। अगर महापौर ने वादा पूरा नहीं किया तो चक्काजाम और उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा। लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि “हम गरीब हैं, बेबस नहीं… हमारी छत कोई नहीं छीन सकता।”




