छत्तीसगढ़ के 21 वर्षीय बेटे धीरेंद्र कुमार वर्मा ‘मर्रा-पाटन’ निवासी ने प्रदेश का ही नहीं बल्कि देश का भी नाम किया है रौशन, बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, इस काबिलियत के लिए मिला सम्मान
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दुर्ग-पाटन (संतोष कुमार) ; छत्तीसगढ़ के 21 साल के धीरेंद्र कुमार Dheerendra Kumar ने केवल अपने प्रदेश का ही नहीं बल्कि देश का नाम भी रौशन किया है. दरअसल धीरेंद्र ने 5 मिनट 6 सेकंड तक पूर्ण मत्स्येंद्रासन (Purna Matsyendrasana) योग कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. बिना अभ्यास के 20 से 30 सेकेंड पूर्ण मत्स्येंद्रासन योग करना मुश्किल है. धीरेन्द्र की इस काबिलियत के लिए वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड ने सर्टिफिकेट प्रदान किया है. दरअसल इसी वर्ष 16 सितंबर को वर्ल्ड रिकॉर्ड कंसलटेंसी संस्था की तरफ से मत्स्येंद्रासन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी।
देश भर से 477 प्रतिभागी हुए थे सम्मिलित


इस प्रतियोगिता में अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के साथ-साथ कई देशों के 477 प्रतिभागी सम्मिलित हुए थे जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए धीरेंद्र कुमार ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. धीरेंद्र ने प्रथम स्थान प्राप्त करने के साथ पूर्ण मत्स्येंद्रासन योग 5 मिनट 6 सेकंड तक कर बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज कराया।
12 वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद मिली धीरेन्द्र को सफलता
धीरेन्द्र कुमार ने बताया कि 16 सितंबर को आयोजित वर्चुअल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मिला है. एक सप्ताह पहले घर के पते पर सर्टिफिकेट आया है. धीरेन्द्र कुमार दुर्ग जिले के रहने वाले हैं लेकिन पिछले तीन वर्षों से रायपुर में योग की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि छठी कक्षा से योग करने के लिए गांव सरकारी स्कूल के शिक्षक तुलाराम वर्मा से प्रेरणा मिली है. तुलाराम वर्मा अक्सर गांव में बच्चों को योग करवाते हैं. इसे देखकर धीरेन्द्र की योग के प्रति रुचि बढ़ने लगी और लगातर 12 वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद योग वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने में सफलता मिली.
एशियन गेम्स में धीरेन्द्र ने पहली बार जीता ‘कांस्य पदक’
2017 में नेपाल में आयोजित एशियन गेम्स में धीरेन्द्र पहली बार कांस्य पदक जीता था. नेपाल आने जाने के लिए मां ने दूसरे से कर्ज लेकर नेपाल भेजा था. इसके बाद वर्ष 2019 में यूरोप में आयोजित वर्ल्ड योग चैंपियनशिप में रजत पदक प्राप्त किया. धीरेन्द्र की मां सावित्री वर्मा मर्रा गांव के आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में सफाई कर्मी हैं. खेती किसानी के लिए केवल एक एकड़ जमीन है. इसके अलावा घर चलाने के लिए धीरेद्र गांव में बच्चों को ट्यूशन देते हैं. बड़ी बहन शहर में रहकर पीजी डीसीए का कोर्स कर रही है. घर चलाने की पूरा जवाबदारी धीरेंद्र की मां सावित्री वर्मा के कंधों पर है. धीरेंद्र ट्यूशन से मिले पैसे से घर चलाने में मां का हाथ बटाते हैं।
मुख्यमंत्री बघेल से की आर्थिक सहयोग मांग
बतादे की धीरेन्द्र कुमार प्रदेश के मुख्यमंत्री के गरीग ग्राम बेलोदी से मात्र दो किलोमीटर दूर ग्राम मर्रा का निवासी है. धीरेन्द्र ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आगे की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहयोग की मांग की है. उनकी इच्छा योग में मास्टर डिग्री की पढ़ाई करने और आने वाले समय में राज्य के युवाओं को बतौर शिक्षक योगाअभ्यास की ट्रेनिंग देने की है।
देश की शान छत्तीसगढ़ का गौरव, पाटन का अभिमान, ग्राम मर्रा का लाल भाई धीरेन्द्र कुमार वर्मा को “छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़” परिवार की ओर से ढ़ेर सारी बधाई और शुभकामनाएं…