गांजे की खेती करना ग्रामीण को महंगा पड़ गया, 38 किलो गांजा जब्त

गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही : छत्तीसगढ़ में गांजा तस्करी के साथ गांजा की खेती भी होने लग गई है। मरवाही अंतर्गत बदरोड़ी गांव से गांजे की खेती करने वाला आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की टीम ने खेत से गांजे की पौधों को भी बरामद कर लिया गया है।

पुलिस अधीक्षक आई कल्याण एलिसेला को इसकी सुचना मिली कि बदरोड़ी गांव के कुतलगड़ई बांधा के किनारे किसान बाबूलाल चिचमा व्यापक तौर पर अपने भिंडी और भुट्टा बाड़ी में छिपाकर बड़ी मात्रा में गांजे की खेती कर रहा है। नारकोटिक एक्ट के तहत आरोपी बाबूलाल चिचमा के भुट्टा बाड़ी से छोटे बड़े गांजा के कुल 350 पौधे कुल वजन 38.2 किलो जिसकी कीमत लगभग 2,00,000 रुपये के आसपास बताई जा रही है। आरोपी बाबूलाल चिचमा कोकड़ा टोला बदरोड़ी निवासी को गिरफ्तार किया है।

गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले में अवैध गांजे के परिवहन के लिए गांजा स्मगलर के लिए कॉरिडोर बन चुका है। अंतर्राज्यीय जिला होने से पुलिस विभाग की सक्रियता से गांजे और उसका अवैध व्यवसाय करने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। मरवाही पुलिस और साइबर सेल की टीम ने मौके पर पहुंच कर रंगे हाथ बाबूलाल को पकड़ा, जो कि भुट्टा बाड़ी में व्यापक तौर पर गांजे की खेती किया हुआ था।

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