मैनपुर/सूरज प्रधान : शासन द्वारा पंचायत में विकास कार्य के लिए लाखों रूपये आबंटन दिया जाता है। लेकिन सरपंच और सचिव की साठगांठ के चलते साफ सफाई ना करवा कर अपनी जेबें भरने में लग गए हैं। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला मैनपुर ब्लॉक अंतर्गत झरगांव के आश्रित पारा तेतलपारा का मामला सामने आया है। लेकिन सरपंच सचिव साफ सफाई ना करवा कर अपनी जेबें भरने में लग गए हैं। पड़ताल के दौरान ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत झरगांव के आश्रित पारा तेतलपारा मे देखने मिला जहां ग्रामीण कीचड़ से लत पथ जगह रहते दिखे जहां पर बदबूदार गंदगी कीचड़ का अंबार लगा हुआ है।
स्कूली बच्चें गिर रहे कीचड़ पर : आपको बता दें कि ईस कीचड़ भरा टापू को पार कर स्कूली बच्चों को स्कूल जाना पड़ता है कई बच्चे तो कीचड़ में फिसल कर गिर जाते है. जिसके कारन बच्चों के कपड़े मैले हो जाता है यहा तक की बच्चों को चोटे भी लग जाती । तेतलपारा के ग्रामीणो की भी माने तो इसकी जानकारी काभी दफा सरपंच सचिव को दिया गया परंतु आज तक इतने साल बीत गए पर सफाई कराना जरूरी नहीं समझा।
क्षेत्र में अधिकारियों के दौरे के अभाव व निष्कृयता : केंद्र सरकार द्वारा गांव गांव मे स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है बावजूद झरगांव के लापरवाह सरपंच सचिव के नींद नहीं खुल रही है। आपको बता दे सरपंच सचिव सफाई कार्य में जीस तरीकों से ग्रहण लगा कर बैठे हैं जल्द ही ये गंभीर बीमारियों का कारण बनेगा। अधिकारियों के दौरे के अभाव व निष्कृयता के चलते ही ये सब हो रहा है प्रतित होता मेहरबानी मेहरबानी चल रहा है।
14 वीं 15 वीं के राशि को सफाई के आड़ मे राशि डकारना मानो फैशन सा बन गया है और इस फैशन शो के दर्शक जिम्मेदार अधिकारी बने हुए हैं। ग्रामीणों को गंदगी से जिस स्तर मे परेशानी हो रही है अधिकारियों को अपने आरामदायक सरकारी भवन से निकल कर एक बार जरूर देखना चाहिए तब उन्हें पता चले कि उनके और जनता के बीच के खाई का फासला कितना हो गया है।