रानीतराई :- बैतूल(म. प्र.) जब भी सच्चे मानवता की बात आती है तो सर्व प्रथम संत रामपाल जी महाराज जी के सत्य ज्ञान के आधार पर बन रही मानव समाज सर्वोपरि होता है।
ऐसे ही एक मानवता की मिशाल “कबीर साहेब प्रकट दिवस” पर “सतलोक आश्रम बैतूल, म. प्र.” जाते हुए संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयाई भगत उत्तम दास, भगत मोहन दास व अन्य भक्तों, जिला – बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़ के द्वारा देखने को मिली। जहां भाटापारा, छ. ग. से बैतूल, मध्यप्रदेश के लिए जनरल बोगी, गोड़वाना एक्सप्रेस में सफर के दौरान उतरते वक्त एक लावारिस बैग मिला ।
इस बैग में लगभग 40-50 हज़ार रुपए नगद और फोन नंबर मिला जिस पर संपर्क करने के बाद जानकारी मिली कि ये बैग और पैसे उत्तर प्रदेश के रहने वाले अनवर अली जी का है, जो अपनी पत्नी के ऑपरेशन के लिए लेकर जा रहे थे । ट्रेन में भीड़ अधिक होने के कारण उनका बैग ट्रेन में ही छूट गया था, जिसे वो काफी देर से ढूंढ रहे थे ।
जब संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्यों ने उन्हें फोन करके बैग मिलने की सुचना दी, तो पसीने से लथपथ अनवर अली जी बैतूल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर – 3 पर आया और बैग मिलने की खुशी से बहुत भावुक हो गए थे।
उन्होंने कहा इंसानियत आज भी जिंदा है, नही तो आज के समय फोन करके किसी का खोया हुआ पैसा वापस कौन करता है । संत जी अनुयायियों ने अपने गुरु जी और उनके ज्ञान के महात्म्य को बताया और कहा ये हमारे गुरु जी संत रामपाल जी महाराज की शिक्षा का ही परिणाम है कि हम विकारों से दूर हैं, आप इस अनमोल पुस्तक “ज्ञान- गंगा” को अवश्य पढ़ना, आपको भी अपनी जिंदगी का असली मकसद समझ में आ जायेगा । अनवर अली जी ने बहुत शुक्रिया अदा किया और पुस्तक पढ़ने का वादा किया ।