पाटन : 27अक्टूबर 2024 (रविवार) को सतनाम भवन, गाढ़ाडीह रोड, सेलूद में संत रामपाल जी महाराज के सान्निध्य में एक दिवसीय सत्संग समागम का आयोजन किया गया सच्चे गुरु की पहचान हमारे धर्म शास्त्र में प्रमाण है।आज मानव समाज के बीच में पूर्ण गुरु की पहचान करना बड़ा जटिल होगा क्योंकि सभी गुरु कहते है हम पूर्ण गुरु है जिनके अधिक फॉलोअर उन्हें मानव पूर्ण मानकर उन से अपना जीवन का कल्याण चाहते है।आज हिनू धर्म गुरुओ की संख्या अधिक होने से मानव समाज पूर्ण गुरु पहचान नहीं कर पा रहे । इस प्रकार के शंका आने पर हमारे पास एक विकल्प बच जाता है। भगवान गीता ज्ञान देते समय अर्जुन कौन से कर्म करने योग्य हैं? कौन सा कर्म न करने योग्य नहीं है? इसके लिए अर्जुन शास्त्र ही प्रमाण है।ठीक इसी प्रकार से आज पूरे विश्व में मानव को शास्त्र अनुकूल सत्य भक्ति संत रामपाल जी महाराज बता है। सच्चे गुरु की पहचान पवित्र गीता अध्याय 15 श्लोक 1-3 में बताई गई है। इसमें बताया गया है कि जो संत उल्टे लटके हुए संसार रूपी वृक्ष के सभी भागों को पत्तों सहित बता देगा वही तत्वदर्शी संत होगा। इसके अलावा पूर्ण गुरु को सभी पवित्र शास्त्रों का पूर्ण ज्ञान होता है और वह शास्त्र अनुकूल ज्ञान ही प्रदान करता है। केवल सच्चे संत से नामदीक्षा लेकर ही भौतिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
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