रानीतराई :- स्व.दाऊ रामचंद्र साहू शासकीय महाविद्यालय रानीतराई, जिला दुर्ग में “ट्रांसजेंडर के अधिकार और पहचान” पर कार्यशाला का आयोजन प्राचार्य डॉ. आलोक शुक्ला के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के आरंभ में कार्यक्रम प्रभारी श्रीमती आराधना देवांगन ने ट्रांसजेंडर के साथ होने वाले भेदभाव और समस्याओं से अवगत कराया उन्होंने बताया की ट्रांसजेंडर समुदाय को होने वाली मुख्य मुख्य समस्याएं शिक्षा, रोजगार चिकित्सा सुविधा एवं आवास आदि से होने वाला भेदभाव है| ट्रांसजेंडर को सामाजिक रूप से बहिष्कृत कर दिया जाता है एवं सांस्कृतिक एवं सामाजिक गतिविधियों से वंचित रखा जाता है l राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रयासों से ट्रांसजेंडर को तृतीय लिंग माना गया एवं सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर के लिए जन जागरूकता अभियान एवं कल्याणकारी योजनाएं चलाने के लिए निर्देश दिए l कार्यक्रम की प्रमुख वक्ता डॉ दीपा बाईन ने बताया कि-ट्रांसजेंडर समुदाय के शैक्षिक ,सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण के लिए ट्रांसजेंडर के अधिकारों का संरक्षण अधिनियम 2019 को लाया गया जिसके अंतर्गत ट्रांसजेंडर व्यक्ति के विरुद्ध भेदभाव को रोकने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं।
ट्रांसजेंडर व्यक्ति के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल बनाया गया है, जिसके ज़रिए वे ऑनलाइन ‘ट्रांसजेंडर आईडी’ के लिए आवेदन कर सकते हैं। SMILE योजना में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों और भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों के लिए अनेक लक्षित कल्याणकारी उपाय शामिल किए जाएंगे l जिसमें व्यापक पुनर्वास पर जोर दिया जाएगा, जिसमें चिकित्सा सुविधाएं, परामर्श, शिक्षा, कौशल विकास आदि का प्रावधान शामिल होगा। इस कार्यशाला में महाविद्यालय में समस्त सहायक प्राध्यापक डॉ रेश्मी महिश्वर, श्रीमती शगुफ्ता सिद्दीकी, श्रीमती अंबिका ठाकुर बर्मन, सुश्री रेणुका वर्मा अतिथि व्याख्याता में श्री टिकेश्वर पाटिल, सुश्री शिखा मड़रिया, सुश्री अंजली देवांगन कार्यालय कर्मचारी में श्रीमती माहेश्वरी निषाद, सुश्री सीमा वर्मा, पीयूष एवं महाविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राएं अधिक संख्या में उपस्थित थे।