बिलासपुर : रेलवे परिक्षेत्र स्थित केंद्रीय रेलवे अस्पताल के सामने की बाउंड्रीवाल लगातर बारिश के कारण ढह गई। गिरने के बाद सामने आई कि निर्माण कमजोर था। केवल और केवल बींब थी। कालम बाउंड्रीवाल में था ही नहीं। बाउंड्रीवाल गिरने के बाद अस्पताल पूरी तरह असुरक्षित हो गया है। पर अस्पताल प्रबंधन पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। यह अस्पताल रेलवे का मुख्य व बड़ा है।
सुबह ओपीडी खुलने से लेकर बंद होने तक भीड़ रहती है। अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में अधिक है। और अस्पताल के अंदर महंगा जांच उपकरण से लेकर अन्य चीजें हैं। जिनकी सुरक्षा के मद्देनजर ही अस्पताल परिसर को चारों तरफ ऊंचाई बाउंड्रीवाल से घिर कर रखा है। ताकि किसी तरह असमाजिक तत्वों को प्रवेश न हो। रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचने की आशंका भी नहीं है।

बाउंड्रीवाल की ऊंचाई अच्छी है। लेकिन इस निर्माण में बरती गई लापरवाही बारिश के कारण उजागर हो गई। लगातार बारिश की वजह नीचे से यह कमजोर हो चुकी थी। इसके अलावा दरारें भी थीं। इसकी जानकारी होने के बाद भी इसकी मरम्मत को लेकर किसी ने गंभीरता नहीं दिखा। इधर कमजोर होने के कारण और लगातार वर्षा के प्रभाव में काफी बड़ा हिस्सा भरभरा कर गिर गया।

गिरे बाउंड्रीवाल को देखने से यह स्पष्ट हो जाता है कि निर्माण के समय कितनी लापरवाही की गई थी। यदि कालम रहता है तो शायद ऐसी स्थिति नही बनती । गिरने के बाद भी उस तरह की गंभीरता नहीं दिख रही है। इधर बाउंड्रीवाल गिरने के बाद अस्पताल पूरी तरह असुरक्षित हो गया। कोई भी आसानी से यहां प्रवेश कर सकता है। इसके अलावा महंगे उपचार करणों की चोरी या नुकसान पहुंचा सकता है। वैसे भी रेलवे परिक्षेत्र में चोर ज्यादा सक्रिय है। लगातार इस क्षेत्र में घटनाएं होती है। दीवार गिरने के बाद दोबारा निर्माण करने के लिए जिस तरह सक्रियता दिखनी चाहिए अस्पताल प्रबंधन उसमें गंभीर नहीं लग रहा है