किरीट भाई ठक्कर , गरियाबंद। जनपद पंचायत कार्यालय गरियाबंद में विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना की राशि के बंदरबांट की जानकारी प्रकाश में आई है। इस योजना में लाखों रुपयों के भ्रष्टाचार की जांच की मांग ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मोहम्मद हफीज खान द्वारा की गई है।
हफीज खान द्वारा कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत कर जांच की मांग की गई है। बताया जा रहा है कि जनपद कार्यालय में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर महेंद्र बंजारे के नाम इस योजना के 12 लाख रुपये जारी किये गये है जो सवालों के घेरे में है। इसके अतिरिक्त मारवाड़ी भोजनालय नवापारा राजिम के नाम 3 लाख रुपये, देवांगन टेंट हॉउस मैनपुर के नाम 3 लाख रुपये, जय माँ टूर एन्ड ट्रेवल्स गरियाबंद के नाम 1लाख रुपये, सोनू पुस्तकालय भंडार एवं प्रिंटर्स आरंग के नाम 1लाख 29 हजार रुपये, निषाद साउंड एवं किराया भंडार नयापारा राजिम के नाम 2 लाख 25 हजार रुपये, विश्वकर्मा ट्रेडर्स किराना एवं जनरल नवापारा के नाम 63 हजार रुपये, सरस्वती डिजिटल स्टूडियो के नाम 33 हजार रुपये का बिल लगाया गया है। मजे की बात ये है कि ये पूरा मामला वर्ष 2021 का है जब पूरे देश में कोरोना काल चल रहा था।
सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2021में इस योजना के तहत 500 लोगों का कार्यक्रम होना बताया गया है, जबकि तत्समय में शासन की कोरोना गाइड लाइन के अनुसार इतने लोगों की भीड़ इकट्ठा होना ही नहीं था।
क्या है स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना
युवा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के 15 से 35 वर्ष की आयु के युवाओं में सामाजिक नेतृत्व विकसित करना, आधुनिक संचार सुविधाओं की पहुंच बनाना, युवाओं के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास हेतु उपयुक्त वातावरण निर्मित करना, तथा एकता की भावना विकसित करना इस योजना का उद्देश्य है।
हफीज खान के अनुसार जिस कालखंड अर्थात वर्ष 2021 की जानकारी उन्हें मिली है, उस कालखंड में इस योजना के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये कोई कार्यक्रम या परीक्षण नही हुआ है। कोरोना काल में ये सब संभव ही नहीं था।
क्या होगा आगे –
आप में से बहुतों ने अपने बचपन में बाल पत्रिका ” पराग , पढ़ी होगी। पराग के संपादक सर्वेश्वर दयाल सक्सेना भी याद होंगे, उन्ही की बाल कविता यहां उधृत करता हूँ –
आओ एक बनायें चक्कर
फिर उस चक्कर में इक चक्कर
फिर उस चक्कर में इक चक्कर
फिर उस चक्कर में इक चक्कर
चक्कर और बनाते जायें जब तक
ऊब न जायें थक कर।
फिर सबसे छोटे चक्कर में
म्याऊं एक बिठाये,
और बाहरी एक चक्कर में
चूहों को दौड़ाऐं।दौड़-दौड़ कर सभी थकें
हम बैठे मारें मक्कर,
नींद लगे हम सो जाएं
वे देखें उझक-उझक कर।