विश्व आद्रभूमि दिवस के अवसर पर गिधवा परसदा में चौथा पक्षी महोत्सव सम्पन्न

पक्षी महोत्सव का मुख्य उद्देश्य आम नागरिक एवं स्कूली छात्र छात्राओं को पक्षियों के संरक्षण के प्रति जागरूक करना

बेमेतरा : देश-दुनिया के अलग-अलग प्रजातियों के पक्षियों को पनाह देने वाले गिधवा और परसदा गांव में पक्षी महोत्सव का आयोजन हुआ। वन विभाग दुर्ग डिविजन और बेमेतरा जिले में आने वाले इन गांव में यह आयोजन किया गया। इसकी तैयारियां वन विभाग द्वारा की गई। जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण में पक्षियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गिधवा में 150 प्रकार के पक्षियों का अनूठा संसार है। इको टूरिज्म के विकास और स्थानीय रोजगार की दृष्टि से गिधवा-परसदा में आयोजन किया गया। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विदेशी मेहमान ठंड बिताने हजारों किमी का लंबा सफर तय कर यहां आ रहे है, इनके आने से गिधवा – परसदा पक्षी विहार एक जन्नत के रूप में तब्दील हो जाता है।

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 2 फरवरी को विश्व आद्रभूमि दिवस के अवसर पर आयोजित चौथा पक्षी महोत्सव बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया। इस पक्षी महोत्सव का मुख्य उद्देश्य आम नागरिक एवं स्कूली छात्र छात्राओं को पक्षियों के संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम जैसे चित्रकला, क्विज, रंगोली, नाटक और पक्षी दर्शन के माध्यम से उन्हे जागरूक किया गया, इसमें गिधवा परसदा पक्षी विहार के आसपास के ग्रामों के जनप्रतिनिधियों और ग्राम वासियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

इस कार्यक्रम में शाश्वत उत्सर्ग लोकनाट्य संस्था खैरागढ़ द्वारा पक्षियों के संरक्षण संबंधी मनमोहन प्रस्तुति दी गई तत्पश्चात बच्चों ने टेलीस्कोप के माध्यम से स्टार गेजिंग का भी लुफ्त उठाया। कार्यक्रम के अंत में सभी नागरिकों को पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में आर्द्रभूमि की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाई और एक सुर में आर्द्रभूमि के संरक्षण हेतु संकल्प लिया।

गिधवा परसादा पक्षी विहार में अक्टूबर से ही प्रवासी पक्षियों के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है, और ये यहां ठंड के अंत तक प्रवास करते हैं, साल दर साल इनकी बढ़ती संख्या पक्षी प्रेमियों और पर्यटकों को इनकी ओर लगातार आकर्षित कर रही है।

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