संतोष देवांगन : “हम काले है तो क्या हुआ – दिल वाले है” जी हां हसा हसा कर सबकी पेट फुला देने वाले कॉमेडी जादूगर मशहूर अभिनेता जूनियर महमूद अब हमारे बिच नहीं रहे। पेट के कैंसर के चलते 67 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया है। अभिनेता का पेट का कैंसर चौथी स्टेज पर पहुंच गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक अभिनेता का निधन अपने आवास पर हुआ। उनका उपचार परेल के टाटा मेमोरियल अस्पताल से चल रहा था। लेकिन, कैंसर से जंग में वे हार गए। बता दें कि जूनियर महमूद ने ‘हाथी मेरे साथी’, ‘कारवां’ और ‘मेरा नाम जोकर’ सहित कई चर्चित फिल्मों में काम किया था।
बतादे की जूनियर महमूद के निधन की पुष्टि उनके करीबी दोस्त सलाम काजी ने की है। बता दें कि उपचार के दौरान अभिनेता महमूद ने अपने पुराने दोस्तों, अनुभवी अभिनेता जितेंद्र और सचिन पिलगांवकर से मिलने की इच्छा जाहिर की थी। इसके बाद सचिन और जितेंद्र जूनियर महमूद से मिलने पहुंचे थे। मुलाकात के दौरान सचिन ने बीमार अभिनेता से यह भी पूछा कि क्या वे कोई मदद कर सकते हैं? हालांकि, महमूद के बच्चों ने किसी तरह की मदद से इनकार कर दिया था।
वही अभिनेता जूनियर महमूद के निधन की खबर से इंडस्ट्री गमगीन है। वे इंडस्ट्री के उन सितारों में शुमार रहे, जिन्होंने पांच दशक से ज्यादा समय इंडस्ट्री में बिताया। रिपोर्ट्स के मुताबिक जूनियर महमूद का नाम नईम सय्यद था और उन्हें ये पेन नेम दिग्गज कॉमेडियन महमूद ने दिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभिनेता को करीब एक महीना पहले ही अपनी कैंसर संबंधी बीमारी के बारे में मालूम चला था। तब तक बहुत देर हो गई थी और उनकी सेहत भी काफी ज्यादा बिगड़ गई थी। उनके करीबी दोस्त सलाम काजी ने कहा कि उनकी सेहत बिगड़ती ही जा रही थी और वे लाइफ सपोर्ट पर थे, लेकिन दुखद कि वे बच नहीं सके।
अभिनेता जूनियर महमूद अपने फिल्मी करियर में कई फिल्मों और टीवी शो में काम किया था। उन्होंने करियर की शुरुआत साल 1967 में आई संजीव कुमार की फिल्म नौनिहाल से की थी। उस समय वे महज 11 वर्ष के थे। इसके बाद संघर्ष, ब्रह्मचारी, दो रास्ते, कटी पतंग, हाथी मेरे साथी, हंगामा, छोटी बहू, दादागिरी समेत कई फिल्मों में वे नजर आए। सबसे ज्यादा वे राजेश खन्ना और गोविंदा की फिल्मों में दिखे।