सबकी बदली किस्मत लेकिन ‘अन्नदाता’ की नहीं

जशपुर : देश में हर किसी की किस्मत बदलाव आया लेकिन ‘अन्नदाता’ किसानों की परेशानी कम नहीं हो पाई है. अपने दो वक्त की रोटी, परिवार को पालने और खेती किसानी के लिए किसानों को न जाने कितने जतन करना पड़ता है. यह किसान ही जानता है ऐसा ही किसानों की परेशानी और खेती के लिए संघर्ष की कहानी सामने आई है।

किसान ने बताया कि “उसकी आर्थिक स्थिति खराब है. इसलिए वह खेत की ट्रैक्टर से जुताई नहीं करा सकता. उसके पास खुद की भी जमीन नहीं है वह दूसरे की जमीन {रेगहा} लीज पर लेकर खेती कर रहा है. व उसने दूसरे बैल का इंतजाम किया था. लेकिन वह बैल आलसी निकल गया. इसलिए उसे खेत की जुताई के लिए घोड़े का सहारा लेना पड़ा। बबन का कहना है कि उसने तरकीब के तौर पर बैल और घोड़े का इस्तेमाल जुताई के लिए करना शुरू किया. और उनका यह आइडिया काम आ गया. इसलिए वह अब इसके जरिए खेत में जुताई कर रहा है।

किसान अब खेत में बैल और घोड़े के कंधे पर हल डालकर खेत की जुताई कर रहा है. जशपुर किसान बबन जशपुर के बगीचा इलाके का है. यहां वार्ड क्रमांक 7 का बबन गरीबी की वजह से खेती में कई पेरशानियों का सामना कर रहा है. उसके पास सिर्फ एक बैल और एक घोड़ा है. जिससे वह खेत की जुताई कर रहा है. किसान ने बताया कि उसके पास तीन साल पहले 13 गाय थी. लेकिन किसी बीमारी से सारी गाय मर गई. जिसके बाद उसने दो हजार रुपये में एक बछड़ा खरीदा और दो साल तक उसका पालन पोषण किया. इस दौरान उसने एक घोड़े के बच्चे को भी खरीदा जो अब बड़ा हो गया है. उसके पास अब कोई मवेशी नहीं था. तो उसने बैल और घोड़े से खेत की जुताई करने करने का सोचा।

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