डॉ. बिजेन्द सिन्हा जी का संपादकीय लेख “जीवन शैली में बदलाव की जरुरत”
iरानीतराई :- समर्थ स्वास्थ्य के आधार पर ही परिवार व समस्त राष्ट्र समर्थ बनता है, हमारी संस्कृति आरोग्य या उत्तम स्वास्थ्य को धर्म अर्थ काम और मोक्ष का साधन माना गया है, लेकिन मौजूदा परिवेश में विकृत जीवन शैली, उपभोक्ता वाद के कारण नकारात्मक मानसिकता पनपते जा रही है जिसके कारण कुण्ठा हताशा अवसाद व तनाव जीवन चर्या में शामिल होते जा रहे हैं, अनियमित खान-पान विकृत जीवनशैली, कृत्रिम रसायन युक्त भोजन ,टूटते-बिखरते परिवार, शराब-नशे की आदत पर्यावरण प्रदूषण विशेष कर फैलते जा रहे वायु प्रदूषण आदि के कारण मानव उत्तम स्वास्थ्य के स्थान पर बीमारियो की ओर अग्रसर हो रहा है।
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