राजनांदगांव : गोण्डवाना समाज नवीन ब्लाॅक पानाबरस द्वारा रविवार 22 दिसंबर को विकासखण्ड मुख्यालय मानपुर के समीपस्थ ग्राम ख्वासफड़की में छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वाधीनता संग्राम सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।⬇️शेष नीचे⬇️
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मेें क्षेत्रिय विधायक श्री इन्द्रशाह मण्डावी सहित गोण्डवाना समाज के संभागीय अध्यक्ष श्री नरेन्द्र नेताम, सेवानिवृत्त डीआईजी श्री डीआर आचला, संभागीय संरक्षक श्री जगत सलामे, सलाहकार श्री हिरेसिंह घावड़े, महासचिव श्री तुकाराम कोर्राम, कोषाध्यक्ष श्री तुलसीराम मरकाम, अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ के संभागीय अध्यक्ष श्री चंद्रेश ठाकुर, महासचिव श्री जागेश्वर मण्डावी सहित ब्लाॅक अध्यक्ष सर्व श्री बाबूराव हिड़को, श्री दिनेश कोरेटी, श्री दिनेश उसेण्डी, श्री मानसाय बोगा, श्री इतवारीराम कड़ियाम, जनपद अध्यक्ष मानपूर श्री दिनेश शाह मण्डावी, थाना प्रभारी मानपुर श्री ईश्वर नेताम, संभागीय मीडिया प्रभारी श्री ओमप्रकाश कोड़ापे, सर्कल अध्यक्ष श्री प्यारी आचला सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे। इस अवसर पर समाज प्रमुख एवं वक्ताओं ने समाज के लोगों को शिक्षित एवं संगठित होकर समाज के विकास में अपना योगदान देने की अपील भी की।⬇️शेष नीचे⬇️
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक श्री इन्द्रशाह मण्डावी ने शहीद वीर नारायण सिंह को छत्तीसगढ़ सहित पूरे भारत वर्ष का गौरव बताया। उन्होंने समाज के आने वाली पीढ़ी को उच्च शिक्षित बनाने तथा शराब से सदैव दूर रहने की अपील की। श्री मण्डावी ने ग्राम ख्वासफड़की में गोण्डवाना समाज भवन निर्माण हेतु 10 लाख रुपये की राशि प्रदान करने की घोषणा की। इस अवसर पर समाज अध्यक्ष श्री नरेन्द्र नेताम ने समाज के लोगों को संगठित रहने तथा अपने संस्कृति को अक्ष्क्षुण बनाए रखने की अपील की। संभागीय सलाहकार श्री हिरेसिंह घावड़े ने कहा कि संस्कृति के रक्षा के बिना किसी भी समाज का अस्तित्व सुरक्षित नही रह सकता। उन्होंने समाज के शिक्षित एवं जागरूक लोगों को समाज के विकास के साथ-साथ संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन में भी योगदान देने की अपील की।⬇️शेष नीचे⬇️
संभागीय महासचिव श्री तुकाराम कोर्राम ने शहीद वीर नारायण सिंह की अदम्य वीरता के साथ-साथ गोण्डवाना समाज के गौरवशाली विरासत पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ के संभागीय अध्यक्ष श्री चंद्रेश ठाकुर ने शहीद वीर नारायण सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व और 1857 की क्रांति में उनके योगदानों के संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के इतिहास का समुचित एवं सही मूल्यांकन किया जाए तो देश में आजादी के आंदोलन का सूत्रपात सर्वप्रथम आदिवासी विभूतियों ने किया था।⬇️शेष नीचे⬇️
उन्होंने समाज के विकास के लिए शिक्षा को ब्रह्मस्त्र एवं नशापान को समाज के पतन का मुख्य कारण बताया। श्री ठाकुर ने समाज के लोगों को सभी बच्चों को उच्च शिक्षित एवं ज्ञानवान बनाने तथा नशापान से दूर रखने हेतु ठोस उपाय करने की अपील भी की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए छुरिया एवं डोंगरगढ़ ब्लाॅक के अध्यक्ष श्री दिनेश कोरेटी ने ज्ञानवर्धक कविता एवं गीत संगीत के माध्यम से वीर नारायण सिंह की वीरता एवं आदिवासियों की दशा एवं दिशा पर रोचक प्रकाश डाला। कार्यक्रम को ब्लाॅक अध्यक्ष श्री दिनेश उसेण्डी एवं अन्य समाज प्रमुखों ने समाज के लोगों को संगठित होकर समाज के विकास में योगदान देने की अपील की।