कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा का एक साल में जिले के लिये खास योगदान नही

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपेक्षाओ पर नहीं उतरा खरा, बडे जिलो मे एक राजनांदगांव जिला से शासन द्वारा एक साल में ही अचानक विदा कर छोटे जिले ‘जांजगीर-चाम्पा’ भेजे गये कलेक्टर ‘तारन प्रकाश सिन्हा’

“छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़” के लिए दीपक कुमार साहू की खास रिपोर्ट

 राजनांदगांव : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपेक्षाओ पर खरा नही उतर पाने से बडे जिलो मे एक राजनांदगांव जिला से शासन द्वारा एक साल में ही अचानक विदा कर छोटे जिले ‘जांजगीर-चाम्पा’ भेजे गये तारन प्रकाश सिन्हा को लेकर राजधानी तक चर्चाए गरम है। जनसम्पर्क आयुक्त से सीधे राजनांदगांव में कलेक्टर के रुप मे अपनी पहली पदस्थापना के तहत 7 जून 21 को पदभार ग्रहण किया था।पदभार संभालने के बाद राजनांदगांव जिले के सर्वजन उनके प्रमोटी कलेक्टर होने से उनके बेहतर परफामेंस की उम्मीद पाले थे पर आमजन व बहुसंख्यक पत्रकारो सहित जनृ प्रतिनिधि व विपक्ष से सीधे जुड न पाने को लेकर अपने एक साल के अल्प कार्यकाल में अकसर वह विवादो से जुडकर चर्चा में रहे। जयप्रकाश मौर्य के बाद तारन प्रकाश सिन्हा दूसरे ऐसे कलेक्टर रहे जो विपक्ष,जनप्रतिनिधि अथवा पत्रकारो का फोन उठाने अथवा वापस फोन करने से परहेज करते रहे।

कुछ पत्रकारो के इशारे पर काम करने को लेकर भी उन पर सोशल मीडिया में जतायी पत्रकारो ने नाराजगीकुछ पत्रकारो के इशारे पर काम करने को लेकर भी उन पर सोशल मीडिया में पत्रकारो ने नाराजगी जतायी पर वह अपने खास सोच व अंह को लेकर चर्चित रहे। र्डोगरगढ की नवरात्र जोत यात्रा, छुरिया नगर पंचायत मे दुकान आंबटन का मामला अथवा अन्य मामलो के साथ विपक्ष से सदव्यवहार की बात हो उनके कार्यकाल में अकसर विवाद होता रहा है। उनका देखदेखी जिले के कुछ अधिकारियो सहित आबकारी के सहायक आयुक्त नवीन प्रताप भी उनका अनुसरण करते रहे पर उन्होने इसे न रोका न टोका। गत दिवस केन्द्रीय मन्त्री भानु प्रताप सिंह के राजनांदगांव प्रवास पर सांसद सन्तोष पान्डे की उपस्थिति में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व सांसद प्रतिनिधि भरत वर्मा ने राजनांदगांव जिले की विभिन्न योजनाओ मे कमीशन के बंदरबाट का सीधा आरोप कलेक्टर तारन प्रकाश की उपस्थिति मे लगाकर सनसनी फैला दी थी। इस पर मन्त्री जी की उपस्थिति में कलेक्टर तारन प्रकाश व भरत वर्मा के बीच जमकर नोकझोक हुई थी । विवाद बढता देख मन्त्री ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत कराया था।

शराबी और नालायक अफसरो की कलेक्टर साहब ने नही ली खबर जिसके चलते गवानी पड़ी प्रतिभावान युवक को अपनी जान : – खैरागढ़ उपचुनाव के पहले भी कलेक्टर तारन प्रकाश की खैरागढ़ मोहला अथवा अन्य विधानसभा मे हो रहे विरोध को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुश नही थे। काँग्रेस के उंगलियों पर गिने जाने वाले जन प्रतिनिधि को छोड अन्य जनप्रतिनिधि एवं विधायक के साथ विपक्ष भाजपा के नेता भी कलेक्टर के पक्षपात पूर्ण व्यवहार व अधिकारियो पर सही मानिटरिग नही करने से प्रसन्न नही थे। जिले सहित छुरिया में अवैध रेत उत्खनन के मामले को लेकर भी जिला प्रशासन की कमजोर भूमिका से राज्य शासन की छवि पर विपरीत असर पडा था वही अकसर नशे मे रहकर दुर्ग भिलाई अपडाउन करने वाले पीडब्लू डी अफसर पीएस दीवान जैसे नालायक अफसरो की कलेक्टर साहब ने खबर नही ली नही तो एक युवा मेकनिकल इंजीनियर की जान बच जाती। इसी अधिकारी दीवान ने गाडी से एक प्रतिभावान युवक चौथवानी को दर्दनाक ढंग से कुचलकर मौत के घाट उतार दिया था। उसकी दर्दनाक मौत से शहर के लोगों का कैडल मार्च व भाजपा का प्रदर्शन, खाद मामले मे एक साल मे कई प्रदर्शन से राज्य शासन की छवि खराब हुई ।

विधायक दलेश्वर साहू को ईएनसी रायपुर को शिकायत कर गडबडी बतानी पडी थी : –    मुसराकला मे घटिया निर्माण व सरकिट हाउस की सडक का मामला हो उनकी मूक सहमति के चलते विधायक दलेश्वर साहू को ईएनसी रायपुर को शिकायत कर गडबडी बतानी पडी थी। इस मामले मे एक सबइंजीनियर शुक्ला पर भी कार्यवाही हुई है। शासकीय अधिकारियो का प्रातः दस बजे कार्यालयीन समय पर नही आने को भी लेकर कलेक्टर ने बैठक मे चेतावनी देकर अपनी इतिश्री कर ली। तभी तो शासन के निदेश पर वर्तमान कमिश्नर राजस्व दुर्ग महादेव कांवरे ने राजनांदगांव से मोहला मानपुर तो दूसरे छोर साल्हेवारा तक शासन द्वारा निर्धारित समय पर नही आने वाले अधिकारी व कर्मचारियों को नोटिस जारी कर आवश्यक कार्यवाही की।

मात्र एक साल मे यह कैसे संभव : केन्द्र सरकार के नीति आयोग ने सरकार के तीन साल मे किसी जिले के बेहतर परफारमेंस के लिये कृषि सुधार व बेहतर जल प्रबंधन के लिये राज्य के चीफ सेकटरी को पत्र लिखकर कलेक्टर के सीआर में उत्कृष्ट कार्य करने पर अंकित करने कहा था और जिले को तीन करोड की राशि भी दी है। यह इसलिये भी अजीब लग रहा है कि मात्र एक साल मे यह कैसे संभव है। इसके लिये पूर्व के कलेक्टर टी के वर्मा व जयप्रकाश मौर्य के योगदान से भी इंकार नही किया जा सकता।

सीएम भूपेश बघेल कलेक्टर तारन प्रकाश की बन्द कमरे की कमजोर छवि से नाखुश : – आगामी विधानसभा चुनाव को देखकर सीएम भूपेश बघेल कलेक्टर तारन प्रकाश की बन्द कमरे की कमजोर छवि से नाखुश रहे। जमीनी धरातल से हटकर सरकारी समाचारो से अपने कार्य को बेहतर बनाने की कोशिश मुख्यमंत्री और उनके सलाहकार तथा उच्च अधिकारियो की नजर से छिप नही पायी।यही कारण है कि राज्य शासन के समान्य प्रशासन व उच्च अधिकारियो ने भी कलेक्टर तारन प्रकाश को बडा अथवा बेहतर जिले के लिये ज्यादा पक्ष नही लिया।
विदाई को लेकर भी उठे सवाल : –   कलेक्टर तारन प्रकाश की विदाई को लेकर भी सवाल उठ रहे है। कलेक्टर की विदाई समारोह मे कुछ बडे अधिकारियो को छोडकर जिले के विभिन्न विभागों के मुख्य अधिकारियो ने ही शिरकत नही की। चर्चा है कि मोहला मानपुर के ओएसडी जयवर्धने, ओएसडी आईपीएस यदवलू, खैरागढ़ की ओएसडी आईपीएस अंकिता शर्मा,राजनांदगांव एसपी संतोष सिंह भी आयोजन से दूर रहे। इधर कतिपय पत्रकारो ने भी कलेक्टर तारन प्रकाश को विदाई दी । यहां जो भाषण कलेक्टर तारन प्रकाश ने दिया उसमे अगर एक भी बात पर अमल कर पाते तो बात ही अलग ही। इसको लेकर भी सजग पत्रकारों के बीच चर्चा चलती रही।यह आयोजन भी थोपने के कारण फीका व नीरस रहा।बहुसंख्यक पत्रकार आयोजन से दूर रहे।

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