भू अधिग्रहण, मुआवजा वितरण के मामलों को तेजी से निपटाने कटघोरा के एसडीएम आफिस में एक अतिरिक्त नायब तहसीलदार होगा संलग्न
कोरबा : कलेक्टर श्री संजीव झा ने भू अधिग्रहण, मुआवजा वितरण तथा भू विस्थापितों को नौकरी के मामले पर चर्चा के लिए प्रशासन, पुलिस और सार्वजनिक उपक्रमांे की संयुक्त बैठक ली।
कलेक्टर श्री झा ने सार्वजनिक उपक्रमों से भू अधिग्रहण, मुआवजा वितरण के लंबित मामले के निपटारे के लिए बैठक में मौजूद अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिये। उन्होने भू विस्थापितों के परिवारों को सार्वजनिक उपक्रमों में नौकरी नही दिये जाने पर गहरी नाराजगी जताई।
कलेक्टर ने 1978 से 2004 के बीच कोयला खदानों के लिए ग्रामीणों की जमीनों के अधिग्रहण पश्चात उनके परिवारों को आज पर्यन्त नौकरी नही मिलने की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए एसईसीएल के अधिकारियों पर नाराजगी जताई।
उन्होने जिला प्रशासन द्वारा हितग्राहियों के आवेदनों के परीक्षण पश्चात उपक्रमों को सूची भेजे जाने के उपरांत भी दस्तावेजों में कमी के कारणों का हवाला देते हुए नौकरी नही दिये जाने पर इसे सार्वजनिक उपक्रमों की जनहित के प्रति असंवेदनशीलता बताई।
*कलेक्टर श्री संजीव झा ने सार्वजनिक उपक्रमों की संयुक्त बैठक में दिये निर्देश*
एसडीएम कटघोरा ने बैठक में बताया कि कुल 191 प्रकरण प्रशासन द्वारा वेरीफाई करके उपक्रमों को भेजा जा चुका है। इसके उपरांत भी सभी लोगों को उपक्रमों द्वारा रोजगार देने में रूचि नही दिखाई जा रही है।
कलेक्टर श्री झा ने कड़े निर्देश देते हुए कहा कि भू विस्थापितों को नौकरी नही दिये जाने की भविष्य में शिकायत नही आनी चाहिए तथा सभी पात्र लोगों को जल्द नौकरी मिलनी चाहिए।
प्रशासन और सार्वजनिक उपक्रमों की संयुक्त बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री संतोष सिंह, अपर कलेक्टर श्री विजेन्द्र पाटले, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक वर्मा, अनुविभागीय अधिकारीगण सहित एसईसीएल गेवरा, दीपका, कुसमुण्डा कोरबा के अधिकारी, राष्ट्रीय राजमार्ग, सीएसईबी, एनटीपीसी, बालको, लैंको, पीडब्लूडी विभाग के अधिकारीगण मौजूद रहे।
संयुक्त बैठक में कलेक्टर श्री झा ने भू अधिग्रहण, मुआवजा वितरण और भू विस्थापितों को नौकरी के मामलों के त्वरित निराकरण के लिए एसडीएम कार्यालय कटघोरा में अतिरिक्त नायब तहसीलदार संलग्न करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने बैठक में निर्माण विभाग और सार्वजनिक उपक्रमों से भू अधिग्रहण और मुआवजा वितरण के लंबित प्रकरणों और उसके कारणों की विस्तार से जानकारी ली। उन्होने तकनीकी कारणों को जल्द से जल्द दूर करते हुए प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने के निर्देश दिये।