बिलासपुर : 7 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए आरोपी को दी गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया गया है। आरोपी ने कोर्ट में यह तर्क दिया था कि उसे गलत तरीके से दोषी ठहराया गया है, लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार किया। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में पीड़िता की गवाही सबसे महत्वपूर्ण होती है और वह किसी को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त है।
यह मामला 3 अप्रैल 2022 को कोरबा जिले में सामने आया था, जहां एक 7 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात हुई थी। इस मामले में निचली अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए मौत तक कारावास की सजा सुनाई हई थी। दोषी ने निचली अदालत की फैसले के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसपर हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए महत्वपूर्ण टिप्पणी की। कोर्ट ने इस तरह के गंभीर अपराधों में यदि पीड़िता की गवाही ऐसे मामले में महत्वपूर्ण है। गवाही ही किसी को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त होती है।