रायगढ़ : जिले के एमसीएच अस्पताल (मातृ एवं शिशु चिकित्सालय) के डॉक्टरों ने कठिन सर्जरी कर के 3 बच्चों को नया जीवन प्रदान किया है। 2-2 दिनों के नवजात 2 बच्चों के जन्म से ही शौच के अंग पूरी तरह से विकसित नहीं थे। वहीं एक बच्चे की आंत गर्भ से ही अविकसित रह गयी थी। डॉक्टरों ने कठिन सर्जरी कर इतने छोटे बच्चों की सफल सर्जरी की है, जिससे अब बच्चे अपना पूरा जीवन सेहतमंद तरीके से जी सकेंगे।
वही बच्चों की सर्जरी करने वाले डॉक्टरों की टीम का नेतृत्व करने वाले पीडियाट्रिक सर्जन डॉ.एस.माने ने बताया कि 2-2 दिनों के बच्चों की सर्जरी अत्यंत कठिन होती है। बच्चों के अंग बहुत ही छोटे होते हैं ,ऐसे में बहुत ही सतर्कता से माइक्रोस्कोपिक सर्जरी करनी होती है। और एनेस्थीसिया देने के लिए भी विशेष सतर्कता बरतनी होती है क्योंकि इतने बच्चों का ब्रीथिंग पैटर्न भी काफी अलग होता है।
डॉक्टर ने कहा की ऐसे मामले 10 हजार में किसी एक बच्चे में देखने को मिलती है और यह बहुत ही रेयर किस्म का ऑपरेशन होता है। उन्होंने यह भी बताया कि 3 बच्चों में से 2 के में शौच निकासी के लिये मार्ग ही नही बना था जबकि एक बच्चे में आंत गर्भ से ही अविकसित थी। यह गंभीर स्थिति थी ऐसे में तुरंत आपरेशन करना बहुत जरूरी हो गया था। 2 घंटे तक लंबे चले ऑपेरशन से डॉक्टरों की टीम ने बच्चों में शौच के मार्ग डेवलप किया। वहीं इधर 3 घंटे के जटिल आपरेशन के बाद एक बच्चे के अविकसित आंत को भी ठीक किया गया।
बतादे की डॉ.एस.माने के नेतृत्व में सफल ऑपरेशन किया गया। डॉ.राजीव एम ने उन्हें असिस्ट किया। वही एनेस्थेसिया टीम में डॉ.ए.एस.सिदार, डॉ आशुतोष अग्रवाल और डॉ. सौम्य शामिल थीं। तो पीडियाट्रिक टीम में डॉ.एल. के.सोनी और डॉ.अभिषेक अग्रवाल शामिल रहे।