उदन्ती सीतानदी टाईगर रिजर्व एक बार फिर सुर्खियों में , आरोपी पर थर्ड डिग्री कर टार्चर करने के मामले में वन विभाग के अफसरों के नाम सम्मन जारी

वन विभाग की कार्यवाही पर गोंगपा ने भी उठाये थे सवाल , शिकायत भी की गई है , उदन्ती सीतानदी अभ्यारण के अधिकारी एक दूसरे पर ही आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे हैं , अब न्यायालय ने भी लिया संज्ञान

किरीट भाई ठक्कर, गरियाबंद। उदन्ती सीतानदी अभ्यारण क्षेत्र में अप्रैल माह में पोटाश बम लगाकर भालू का शिकार किया गया था। वन विभाग की एंटी पोचिंग टीम को शिकार सूचना मिलते तक शिकारी अपना काम कर निकल गये थे। एंटी पोचिंग टीम द्वारा मौके से मृत भालू के अवशेष जप्त किये गये,और आरोपियों को पकड़ने जांच जारी रखी गई थी।
बताया जा रहा है कि इस टीम के द्वारा रविवार 5 मई को आरोपी हजारी गोंड पिता तुलसीराम तथा उत्तम पिता खगेश्वर जाति रावत ग्राम कालीमाटी थाना इन्दागांव को ग्राम कालीमाटी से पूछताछ के लिये कार्यालय सहायक संचालक उदन्ती मैनपुर लाया गया। वन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पूछताछ में दोनों व्यक्तियों ने भालू का शिकार करने का वन अपराध कबुल किया। दोनों आरोपियों के विरुद्ध पीओआर क्रमांक 54 / 23 पंजीबद्ध कर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार कर माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी देवभोग में पेश किया गया।

मंगलवार की देर शाम देवभोग न्यायालय में पेश आरोपी हजारी गोंड ने न्यायाधीश के समक्ष विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों पर थर्ड डिग्री मारपीट का आरोप लगाया है। आरोपी ने करंट व मारपीट से आई चोट के निशान भी दिखाये। जिसके बाद न्यायालय ने आरोपी की मेडिकल जांच कराई और विभाग के जिम्मेदार अफसरों के नाम सम्मन जारी कर जवाब मांगा है।

हजारी गोंड के अनुसार,पूछ ताछ के नाम पर हिरासत में लिये जाने के बाद उसके साथ ध्रुवागुड़ी, इन्दागांव और फिर मैनपुर में भी मारपीट की गई।

गोंगपा ने किया था विरोध

मार्च माह में गोंगपा का विरोध प्रदर्शन

विगत मार्च महीने में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिलाध्यक्ष टीकम नागवंशी द्वारा उदन्ती सीतानदी टाईगर रिजर्व के अधिकारियों द्वारा अभ्यारण के कोर एवं बफर जोन में की गई अतिक्रमण विरुद्ध कार्यवाही पर सवाल उठाये गये थे। लिखित शिकायत भी की गई थी। टीकम नागवंशी के साथ सैकड़ों ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय के गांधी मैदान में वन विभाग के विरुद्ध धरना प्रदर्शन भी किया था। आरोप था कि 2006 से 2023 तक जिला मुख्यालय से लेकर अभ्यारण के वन परिक्षेत्रों में पदस्थ वन अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा निजी हित व स्वार्थ में अभ्यारण के कोर एवं बफर जोन एरिया में अतिक्रमण करवाया गया ,और अब 2024 में गूगल मैप के आधार पर ग्रामीण आदिवासियों के विरुद्ध एक तरफा अतिक्रमण की कार्यवाही की जा रही है।नागवंशी के अनुसार इस अतिक्रमण के जिम्मेदार वे वन अधिकारी कर्मचारी भी है जो वर्षो तक यहां पदस्थ रहकर वन संरक्षण के नाम पर सरकारी तनख्वाह पाते रहे हैं।

आपको बता दें कि कुछ समय पहले ही उदन्ती सीतानदी अभ्यारण के कोर व बफर जोन एरिया में लगातार कार्यवाही के बाद , इस विभाग में पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों के बीच ही ठन गई थी। उपनिदेशक वरुण जैन द्वारा पीसीसीएफ को विगत 30 जनवरी को सौपी गई सैकड़ो पन्नो की रिपोर्ट में रिसगांव क्षेत्र में तैनात वन कर्मियों अधिकारियों पर लकड़ी तस्करों शिकारियों के साथ मिली भगत का खुलासा किया था। रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सागौन वृक्षों की कटाई और तस्करी वन अमले के संरक्षण में ही हो रही थी।

"छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़" के लिए किरीट ठक्कर की रिपोर्ट
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किरीट ठक्कर "छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़" संवाददाता

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