गरियाबंद : अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद द्वारा 32 प्रतिशत आरक्षण साथ ही अन्य स्थानीय मांगों को लेकर आज कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव किया गया। हजारों की संख्या में जिले भर के आदिवासी महिला पुरुष, परिषद कार्यालय से पैदल मार्च करते हुये लगभग दो किलोमीटर दूर संयुक्त जिला कार्यालय भवन पहुंचे। यहाँ पुलिस की तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कलेक्ट्रेट के बाहर सड़क पर जाम लगा दिया।
आदिवासी समुदाय द्वारा महामहिम राष्ट्रपति , राज्यपाल छत्तीसगढ़ शासन , मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम कलेक्टर गरियाबंद को ज्ञापन सौंपा गया।सौपे गये ज्ञापन के अनुसार छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज के 32 प्रतिशत लोग निवास करते हैं। प्रदेश का 60 प्रतिशत हिस्सा पांचवी अनुसूची के रूप में अधिसूचित है। अधिसूचीत क्षेत्र में आदिवासियों की जनसंख्या 70 से 100 प्रतिशत तक है, उसी अनुपात में आदिवासी आर्थिक राजनैतिक सामाजिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुये है। यदि जनसंख्या के अनुपात में आदिवासियों को 32 प्रतिशत आरक्षण नही दिया जाता तो आदिवासियों की हालत बद से बदतर हो जायेगी।
पांचवी अनुसूची क्षेत्र में पेशा एक्ट ग्राम सभा का पालन नही होने से आदिवासी समाज संवैधानिक अधिकार से वंचित हो रहा है। ज्ञापन में विकास परिषद द्वारा तीन मांगे रखी गई है जिनमें आरक्षण प्रतिशत में वृद्धि के साथ साथ स्थानीय जतमई धाम के संचालन के लिये ग्राम सभा को सम्पूर्ण अधिकार दिये जाने की मांग की गई है। तीसरी मांग के अनुसार छत्तीसगढ़ में पांचवी अनुसूची का पालन साथ ही पेशा एक्ट में ग्राम सभा के फैसले का उल्लंघन नहीं किये जाने की मांग की गई है।आदिवासी समाज के घेराव के दौरान बिन्द्रानवागढ़ के भाजपा विधायक डमरूधर पुजारी , पूर्व भाजपा विधायक गोवर्धन मांझी , जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम , जिला पंचायत सभापति लोकेश्वरी नेताम , आदिवासी विकास परिषद के संरक्षक महेंद्र नेताम , जिला अध्यक्ष उम्मेन्दी कोर्राम , विष्णु नेताम,नरेंद्र ध्रुव , पूर्व ब्लॉक सरपंच संघ अध्यक्ष यशवंत सोरी , नवतु कमार आदि सम्मिलित रहे।