किरीट भाई ठक्कर, गरियाबंद। आचार संहिता समाप्त होते ही शुक्रवार अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद द्वारा कलेक्टोरेट का घेराव किया गया। घेराव से पहले नगर में ही राष्ट्रीय आदिवासी महा- अधिवेशन भी आयोजित था। अधिवेशन के बाद कलेक्टोरेट घेराव के दरमियान लगभग एक घंटे एन एच जाम रहा।
परिषद के पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपा गया। आदिवासी विकास परिषद के सदस्यों ने उदन्ती सीतानदी अभ्यारण के वन मंडलाधिकारी पर आदिवासियों को प्रताड़ित करने , तथा इस प्रताड़ना से दो आदिवासियों की मौत होने जैसे अन्य गंभीर आरोप लगाये है। आदिवासियों ने आरोप लगाया कि वन अधिनियम कार्यवाही के नाम पर एक आदिवासी को करंट लगाया गया तथा थर्ड डिग्री टॉर्चर किया गया, एक अन्य व्यक्ति के मलद्वार में डंडा डाला गया। मांग की गई है कि उक्त अधिकारी का तत्काल स्थानांतर किया जाये। जिले में लंबित 170 ख एवं 165 क पर त्वरित कार्यवाही की मांग भी की गई है। जिले के एक सिविल सर्जन द्वारा नाबालिक आदिवासी लड़की के गर्भपात के मामले में भी कड़ी कार्यवाही की मांग की गई है।
जल जीवन मिशन बनाम ठेकेदार मालामाल
आदिवासी विकास परिषद द्वारा जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन पर भी गंभीर लापरवाही के आरोप लगाये गये है। इस मिशन के तहत गांवों में आम नागरिकों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना था , किन्तु सम्बंधित विभाग आम लोगों की बजाये ठेकेदारों का हिमायती बना हुआ है। विभागीय लापरवाही के कारण जिले के अनेक गांवों में इस योजना के निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं, बहुत से गांवों में पीने की पानी की समस्या विकराल स्वरूप में खड़ी है। योजना अंतर्गत कार्य पूरा करने के लिये समय सीमा ” तय , किये जाने की मांग की गई है।
गौरव पथ निर्माण की मांग
नगर के तिरंगा चौक से छिंद तालाब कृषि विभाग के कार्यालय तक गौरव पथ निर्माण की भी मांग की गई है। नगर विकास की यह मांग काफी पुरानी और आवश्यक है। बेहद संकरी इस सड़क पर अक्सर ट्रैफिक जाम की नौबत होती है। सड़क के दोनों तरफ कुछ दुकानदार या तो स्टेंडिंग साइनबोर्ड खड़ा कर देते हैं या सामान रख दिया जाता है। बीच शहर के चौराहे में कबाड़ियों का व्यवसाय चल रहा है। गाज गिरती है केवल गरीब ग्रामीण के सब्जी पसरे पर ?