*➡️ तकनीकी त्यागपत्र प्राप्त शिक्षकों का वेतन निर्धारण एवं वेतनवृद्धि मूलभूत नियम अनुसार होगा – सतीश ब्यौहरे* राजनंदगांव से दीपक साहू की रिपोर्ट …
राजनंदगांव l मुख्यमंत्री ने स्टाइपेंड समाप्ति की घोषणा 2 सितंबर 2023 को किया था। वित्त विभाग का निर्देश 33/2023 12 सितंबर 2023 प्रकाशित हुआ जिसमें स्टाइपेंड समाप्ति एवं साथ ही तकनीकी त्यागपत्र प्राप्त कर्मचारियों को विधिवत वेतन संरक्षण एवं अन्य लाभ दिये जाने का स्पष्ट उल्लेख है। लेकिन आहरण एवं संवितरण अधिकारियों के समक्ष कर्मचारी वर्ग विशेष के द्वारा तकनीकी त्यागपत्र प्राप्त शिक्षकों के वेतन निर्धारण एवं वेतनवृद्धि के मामले में असमंजस्य की स्थिति निर्मित किया जा रहा है। जबकि नियम एवं निर्देश स्पष्ट हैं। सीधी भर्ती के पदों पर तकनीकी त्यागपत्र वाले शिक्षकों का मामला प्रथम बार नियुक्त हुए शिक्षकों से अलग है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे, जिला संरक्षक, मुकुल साव,जिलाअध्यक्ष, पी. आर. झाड़े पी. एल. साहू, जितेंद्र बघेल, बृजभान सिन्हा,सी. एल. चंद्रवंशी, वीरेंद्र रंगारी, रंजीत कुंजाम, सोहन निषाद, अब्दुल कलीम खान, भूषण साव ,स्वाति वर्मा, नवीन कुमार पांडे, उत्तम डड़सेना, देवचंद बंजारे , शिवप्रसाद जोशी, खोमलाल वर्मा, हेमंत पांडे, लीलाधर सेन, पुष्पेंद्र साहू, संजीव मिश्रा, हेमंत दोंदिलकर, श्रीमती संगीता ब्यौहरे, श्रीमती अभिशिक्ता फंदियाल, सुधांशु सिंह, पायल देवांगन, वंदना पानसे, शिरीष कुमार पांडे, रमेश साहू,राजेश शर्मा, नरेश प्रसाद दुबे, रानी ऐश्वर्य सिंह का कहना है कि वित्त विभाग का निर्देश 33/2023 के कंडिका 3.2 में तकनीकी त्यागपत्र प्राप्त शासकीय कर्मचारियों को वेतन संरक्षण का लाभ पूर्ववत मूलभूत नियमों के प्रावधानों के अनुरूप दिये जाने का स्पष्ट उल्लेख है।
उन्होंने बताया कि कंडिका-3.3 के अनुसार वेतन संरक्षण का निर्धारण काल्पनिक (Notional) आधार पर किया जाकर वास्तविक आर्थिक लाभ आदेश जारी होने के तिथि से देना है। उन्होंने बताया कि वित्त निर्देश 41/2018 के कंडिका क्रमांक- 2.2 में तकनीकी त्यागपत्र प्राप्त शासकीय कर्मचारियों के मामले में वेतन संरक्षण की उप-कंडिका (¡¡¡) में स्पष्ट उल्लेख है कि तकनीकी त्यागपत्र के मामलों में वेतन निर्धारण मूलभूत नियम 22 -C का उपयोग करना है तथा वार्षिक वेतन वृद्धि मूलभूत नियम 26 के अनुसार देय होगा।
मूलभूत नियम 26 में उल्लेखित महालेखा परीक्षक के अनुदेश-1 के अनुसार – परिवीक्षा समाप्ति के पूर्व वेतन वृद्धि – जो शासकीय कर्मचारी एक संवर्ग में स्थाई पद मौलिक रूप से धारण किए हो और किसी अन्य पद पर केवल परिवीक्षा पर नियुक्त किया गया हो,उसके द्वारा अर्जित सेवा,उस पद में वेतन वृद्धि हेतु संगणित की जाती है जिस पद पर वास्तविक रूप से की गई हो,अर्थात वह पद जिस पर वह परिवीक्षा पर है। अतः ऐसे प्रकरण में शासकीय सेवक को अपनी परिवीक्षावधि की समाप्ति के पूर्व वेतन वृद्धि लेने की अनुज्ञा है ।
छत्तीसगढ़ मूलभूत नियम 26 के अनुसार परिवीक्षा अवधि की समाप्ति के पूर्व वेतनवृद्धि प्राप्त करने की पात्रता है। उन्होंने बताया कि ऐसे शासकीय सेवक जो अपने विभाग के सक्षम प्राधिकारी से अनुमति लेकर अपने मूल विभाग अथवा अन्य विभाग में निम्न पद से उच्च पद पर चयनित होने के पश्चात पूर्व पद से तकनीकी त्यागपत्र देकर कार्यभार ग्रहण किये हैं,तो ऐसे तकनीकी त्यागपत्र देकर कार्यभार ग्रहण करने वाले शिक्षकों का मामला, प्रथम बार नियुक्त हुए शिक्षकों से बिल्कुल अलग है। वित्त विभाग छत्तीसगढ़ शासन के आदेश 12/9/2023 (वित्त निर्देश 33/2023) के फलस्वरूप विधिवत वेतन वृद्धि के साथ वेतन प्राप्त करने हेतु पात्र हैं।
गौरतलब है कि स्टाइपेंड लागू होने के पश्चात जुलाई 2020 से स्टाइपेंड समाप्ति के पूर्व सितंबर 2023 तक काफी तकनीकी त्यागपत्र प्राप्त शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। ऐसे में कई शिक्षक 1 से 2 वर्ष तक उच्च पद में चयनित होने के बावजूद स्टाइपेंड के काला कानून को झेलकर अपने पूर्व निम्न पद से कम वेतन प्राप्त कर रहे थे। उन्हें अब वेतन निर्धारण एवं वेतन वृद्धि का लाभ छत्तीसगढ़ मूलभूत नियम के प्रावधान अनुसार प्राप्त होगा। फेडरेशन ने समस्त आहरण संवितरण अधिकारियों से राज्य शासन के आदेश की मंशा अनुसार कर्मचारी हित के दृष्टिगत लाभ सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।