रानीतराई :- स्व.दाऊ रामचंद्र साहू शासकीय महाविद्यालय रानीतराई में मृदा परीक्षण पर कार्यशाला संपन्न स्व. रामचंद्र साहू शासकीय महाविद्यालय रानीतराई में मृदा परीक्षण पर कार्यशाला का आयोजन प्राचार्य डॉ.आलोक शुक्ला के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया ।कार्यक्रम का संचालन डॉ. रेश्मी महिश्वर ने किया एवं कार्यक्रम का आभार सुश्री भारती गायकवाड़ ने किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. ललिता रामटेके मृदा विशेषज्ञ कृषि विज्ञान केंद्र पाहंदा शामिल रही। मुख्य अतिथि का स्वागत वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक श्री चंदन गोस्वामी द्वारा किया गया। डॉ. ललिता रामटेके ने अपने वक्तत्व में कहा- मिट्टी पौधों की वृद्धि के लिए एक प्राकृतिक माध्यम है । मिट्टी की जल धारण क्षमता जल प्रवेश की गति , वायु संचार, मिट्टी का तापक्रम पौधों को खड़ा रखने की क्षमता, उर्वरकों का उपयोग मिट्टी में होने वाले रासायनिक और जैविक क्रियाएं और भी भूमि सुधारको का उपयोग आदि कार्य मिट्टी के भौतिक गुणो पर ही निर्भर करते हैं। मिट्टी परीक्षण के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है कि मिट्टी का सही नमूना एकत्र करना। इसके लिए जरूरी होता है कि नमूना इस प्रकार किया जाए की वह जिस खेत या क्षेत्र से लिया गया हो इसका पूर्ण प्रतिनिधित्व करता हो । इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु मिट्टी के प्रतिनिधि नमूने एकत्र किए जाते है। इसके विपरीत यदि खेत में अलग-अलग फसल ली गई हो , भिन्न-भिन्न भागों में अलग-अलग उर्वरक मात्रा डाली गई हो फसल की पैदावार कहीं काम कहीं ज्यादा रही हो। जमीन समतल ना हो का ढालू हो तो इन परिस्थितियों में खेत के समान गुणो वाली संभव संभव इकाइयों में बांटकर हर इकाई से अलग-अलग प्रतिनिधि नमूना लेना चाहिए। नमूना सामान्यतः फसल बोने के एक माह पहले लेकर परीक्षण हेतु भेजना चाहिए ताकि समय पर परिणाम प्राप्त हो जाए एवं आवश्यकता के अनुसार खाद उर्वरकों का उपयोग किया जा सके।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक श्री चंदन गोस्वामी, श्रीमती शगुफ्ता सिद्धिकी, श्रीमती अंबिका ठाकुर बर्मन, श्रीमती आराधना देवांगन, सुश्री रेणुका वर्मा अतिथि व्याख्याता मे श्री टिकेश्वर पाटिल , सुश्री माधुरी बंछोर, सुश्री शिखा मढ़रिया, श्री धनेश्वर प्रसाद धीवर, मोहित एवं छात्र-छात्राएं अधिक संख्या में उपस्थित थे।
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